खाने के लिए भीख तक मांगी.., 2 साल से शिवसेना के शासन वाली BMC ने नहीं दिया था वेतन, कर ली ख़ुदकुशी
खाने के लिए भीख तक मांगी.., 2 साल से शिवसेना के शासन वाली BMC ने नहीं दिया था वेतन, कर ली ख़ुदकुशी
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मुंबई: रमेश परमार 25 साल का था। वह शिवसेना शासित बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में सफाई कर्मचारी के पद पर नौकरी करता था। अब उसने जहर खाकर ख़ुदकुशी कर ली है। कारण यह है कि, रमेश को दो साल से वेतन नहीं मिला था। परिजनों के मुताबिक, वेतन न मिलने के कारण वह कर्ज में डूब गया था और अधिकतर रात को भूखे ही सो जाता था। आत्महत्या का मामला गरमाने के बाद BMC ने रमेश के भाई को नौकरी और 1 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिया है।

रमेश के चाचा पितांबर परमार ने बताया है कि, 'रमेश का एक छोटा भाई है, जो मानसिक तौर पर विक्षिप्त है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उस पर ही थी। रमेश को पिछले दो साल से सैलरी नहीं दी गई थी। ज्यादातर वह रात को भूखे ही सो जाता था। उसने खाने के लिए भीख तक माँगी। रमेश पर कर्ज भी था और उसकी तबीयत खराब रहने लगी थी। अधिकारियों ने उसे कहा था कि उसकी सर्विस फाइल कहीं फँस गई थी। गुरुवार (23 दिसंबर) को वार्ड कार्यालय में ही उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। हमने शुक्रवार सुबह उसका अंतिम संस्कार किया। हम उसकी मौत के जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की माँग करते हैं।' वहीं, भाजपा कॉरपोरेटर विनोद मिश्रा ने इस ख़ुदकुशी पर सवाल उठाते हुए BMC अधिकारियों के विरुद्ध FIR और मृतक के परिवार को 50 लाख का मुआवजे देने की माँग की। स्थायी समिति ने शुक्रवार को मृतक सफाईकर्मी के भाई को नौकरी देने की स्वीकृति दी है। इसके बाद विनोद मिश्रा ने कहा कि, 'BMC ने रमेश के भाई को नौकरी दे दी है। किन्तु यह करके BMC रमेश की मौत की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है।'

बता दें कि रमेश दो वर्षों से अपने वेतन के भुगतान की प्रतीक्षा कर रहा था। जब उसको कोई वेतन की कोई उम्मीद नहीं दिखी तो उसने निराश होकर ख़ुदकुशी कर ली। रमेश के पिता भी BMC में सफाई कर्मचारी थे। 2019 में पिता के निधन के बाद उसे नौकरी दी गई थी। जब भी वह सैलरी के लिए उच्च अधिकारियों के पास जाता था तो उससे यही कहा जाता था कि उसकी सर्विस फाइल नहीं मिल रही है। बताया जाता है कि रमेश 20 दिसंबर को एक अधिकारी के पास अपनी फाइल लेकर पहुँचा और कहा कि 2 वर्षों से उसके वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अधिकारी ने उसकी कोई सहायता नहीं की और उसे सफाई में गड़बड़ी के लिए फटकार लगा दी। इसके बाद उसने उम्मीद खो दी और आत्महत्या कर ली। बता दें कि BMC के महापौर किशोरी पेडनेकर और डिप्टी मेयर सुहास वाडकर दोनों शिवसेना पार्टी से हैं। इस आत्महत्या के बाद BMC ने लापरवाही के लिए 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।  

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