उमरग्राम में लगा था 'रामायण' का सेट, शूटिंग दौरन यह शख्स नहीं पीते थे पानी
उमरग्राम में लगा था 'रामायण' का सेट, शूटिंग दौरन यह शख्स नहीं पीते थे पानी
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टीवी का जाना माना शो रामानंद सागर की 'रामायण' जहां एक और टीवी पर नए रेकॉर्ड बना रही है, वहीं इस सीरियल को लेकर लोगों की दिलचस्‍पी भी बीते कुछ दिनों में खूब बढ़ी है।इसके साथ ही सीरियल के प्रमुख किरदारों की जिंदगी की कहानियां भी हम-आप खूब फॉलो कर रहे हैं। परन्तु क्‍या आपको पता है कि सीरियल की शूटिंग के दौरान ऐसे कई वाकये हुए, जो सीरियल के किरदारों की 'रामायण' और इसके चरित्रों के प्रति भावनाओं को जाहिर करती हैं। वहीं 'रामायण' में दारा सिंह ने 'हनुमान' का किरदार निभाया। वहीं  जब रामानंद सागर ने उन्‍हें रोल ऑफर क‍िया था तब उन्‍होंने अपनी उम्र का हवाला देकर काम करने से इनकार कर दिया था। परन्तु जब रामानंद सागर नहीं माने तो दारा सिंह साहब ने पूरी श‍िद्दत के साथ इस सीरियल में काम किया। वह हनुमान के रोल में इस कदर रम गए थे कि उन्‍होंने शूटिंग खत्‍म होने तक चिकन-मटन खाना छोड़ दिया था। वहीं दारा सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। वहीं उनके बेटे और ऐक्‍टर विंदू दारा सिंह ने एक इंटरव्‍यू में इस बात का खुलासा किया। वहीं उन्‍होंने बताया कि उनके पिता ने 'रामायण' की शूटिंग के दौरान नॉनवेज खाना छोड़ दिया था। वहीं दारा सिंह पंजाबी परिवार से ताल्‍लुक रखते थे, ऐसे में नॉनवेज से उन्‍हें बड़ा लगाव था। परन्तु वह राम और रामायण के प्रति बहुत श्रद्धाभाव रखते थे। इसलिए उन्‍होंने तय किया था क‍ि जब तक सीरियल की शूटिंग खत्‍म नहीं हो जाती, वह चिकन-मटन का खयाल तक नहीं लाएंगे।

 वहीं रामायण का प्रसारण 1987-1988 में हुआ था। 78 एपिसोड के इस सीरियल की शूटिंग मुंबई से सूरत में हो रही थी। सीरियल के सेट पर तब उस दौर में आज जैसी सुविधाएं नहीं थीं। इसके साथ ही खासकर वॉशरूम की व्‍यवस्‍था भी बहुत अच्‍छी नहीं थी। ऐसे में सीरियल के कई कलाकार दिनभर पानी भी नहीं पीते थे। सीरियल में लक्ष्‍मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी कहते हैं, 'कई सीन की शूटिंग गांव में होती थी। वहीं ऐसे में हम में से बहुत से लोग पानी नहीं पीते थे, क्‍योंकि पानी पीते तो वॉशरूम जाना पड़ता।' वहीं रामानंद सागर सीरियल को लेकर बहुत संजीदा थे। वह हर सीन में परफेक्‍शन चाहते थे। सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया बताती हैं, 'पहला एपिसोड एक घंटे का था और उसे बनाने में करीब 15 दिन का समय लगा। मैं महीने में 27 दिनों तक शूटिंग लोकेशन पर ही रहती थी। वहां मेकअप स्टूडियो होता था तो हम यहीं रहते थे और कोई भी मुंबई नहीं लौटता था।'इसके साथ ही दीपिका चिखलिया तब महज साढ़े पंद्रह साल की थीं। वह बताती हैं, 'हमें जरा भी अंदाजा नहीं था कि यह सीरियल इतिहास रचने जा रहा है। 

रामचरित मानस में तुलसीदास ने राम और सीता की वेशभूषा के बारे में बताया है और हमें वैसा ही दिखना था। वहीं  यह पहली बार था जब टेलीविजन पर रामायण को दिखाया जा रहा था। उस समय टेलीविजन पर दिखना कोई बहुत अच्छी बात नहीं मानी जाती थी।' वहीं सुनील लहरी ने इसी तरह एक इंटरव्‍यू में बताया कि हफ्तों तक घर से दूर रहने के कारण उन लोगों का बाहरी दुनिया से संपर्क भी टूट गया था। वहीं सुनील बताते हैं, 'तब मोबाइल फोन की व्‍यवस्‍था नहीं थी। वहीं हम जहां शूट कर रह‍े थे, वहां से कुछ दूरी पर एक टेलीफोन बूथ था। हम बारी-बारी जाकर घर फोन करते थे। इसके साथ ही कई बार तो लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था।' इसके साथ ही 'रामायण' की शूटिंग लोकेशन सूरत के उमरग्राम में थी। दारा सिंह के साथ उनके बेटे विंदू दारा सिंह भी कई बार सेट पर जाते थे। वह कहते हैं, 'सीरियल की पूरी कास्ट और क्रू ट्रेन से सूरत जाती थी। वहीं शूट‍िंग 5-6 दिनों के लिए होती थी और फिर वे लोग वापस 2-3 दिन के लिए मुंबई आ जाते थे। ऐसे में जाने-आने में भी लंबा समय लगता था।

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