नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस्लामाबाद में हुई सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होने पाकिस्तान को उसके ही घर में उसके करतूतों का काला चिठ्ठा खुद कहकर सुनाया। जो उन्हें किसी नीम की कड़वी घुट्टी से कम नहीं लगी। बिना पाकिस्तान का नाम लिए सिंह ने आतंकवाद से लेकर एक आतंकी को शहीद घोषित किए जाने तक की कहानी पाक को सुनाई।
गृह मंत्री के कड़े तेवर को देखते हुए पाकिस्तान इस कदर खौफ खा गया कि उसने उनके भाषणों की मीडिया कवरेज पर ही रोक लगा दी। इसका सबूत खुद पाकिस्तान ने ही दे दिया। राजनाथ सिंह के भाषणों से खफा पाकिस्तानी गृह मंत्री चौधरी निसार अली खां दोपहर के भोजन में शामिल ही नहीं हुए। ऐसे में भारत भी अपने तेवर कैसे नरम करता और राजनाथ सिंह ने भी बिना लंच किए वहां से रुख्सत हो लिया।
भारतीय गृह मंत्री ने अपने भाषणों में कहा कि आतंकवाद का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। आगे उन्होने कहा कि आतंकियों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए। केवल आतंक और आतंकयों की बुराई काफी नहीं है औऱ न ही उनकी निंदा करना बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई करना भी जरुरी है।
गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता, आतंकवाद केवल आतंकवाद होता है। जो देश आतंकवाद को समर्थन देता है, उस पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।