राजस्थान चुनावः कांग्रेस और भाजपा में जमकर घमासान, परंपरा या प्रतिष्ठा लगी दांव पर
राजस्थान चुनावः कांग्रेस और भाजपा में जमकर घमासान, परंपरा या प्रतिष्ठा लगी दांव पर
Share:

जयपुर: राजस्थान के आदिवासी अंचल मेवाड़ उदयपुर संभाग में चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस और भाजपा के पांच प्रत्याशियों की दो-दो पत्नियां हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि इन प्रत्याशियों ने नामांकन-पत्र दाखिल करते समय दो-दो पत्नियां होने का हलफानामा दिया है। वहीं अब इसे परंपरा कहें या फिर प्रतिष्ठा इन प्रत्याशियों द्वारा दिए गए हलफनामें की चर्चा चुनाव अभियान के दौरान खूब हो रही है। हालांकि दो-दो पत्नियां रखने की आदिवासियों में पुरानी परंपरा है, लेकिन नई पीढ़ी इसे उचित नहीं मानती और यह भी चुनावी मुद्दा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

राजस्थान चुनाव: दलितों की समर्थक मायावती ने उठाई आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग

वहीं बता दें कि भाजपा के टिकट पर बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे खेमराज गरासिया के दो पत्नियां हैं। इनमें एक का नाम सुभद्रा देवी और दूसरी का नाम रतनी देवी है। गरासिया के पांच बच्चे है। बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में शामिल है। उदयपुर जिले के बल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे उदयलाल डांगी के दो पत्नियां डाली डांगी और बाबूडी हैं। इनके सात बच्चे हैं। बांसवाड़ा जिले के घाटोल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी नानालाल निनामा के दो पत्नियां हैं। इनमें एक का नाम काऊडी देवी और दूसरी का नाम नाथी देवी है। निनामा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि ये तो हमारे आदिवासी समाज की पुरानी परंपरा है।

मध्यप्रदेश चुनाव: पीएम मोदी ने मां का नाम लेने पर राहुल गांधी को घेरा

गौरतलब है कि बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी हकरू माइड़ा के दो पत्नियां कांता और कमला देवी हैं। वहीं पांच बच्चों के पिता हकरू माइड़ा का कहना है कि आदिवासी समाज की परंपरा के कारण मैने दो विवाह किए हैं। बांसवाड़ा जिले के गढ़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कैलाश मीणा के भी दो पत्नियां हैं। इनमें एक का नाम सविता देवी और संतु देवी है। दोनों के सात बच्चे हैं। यहां बता दें कि वसुंधरा राजे सरकार के कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा का कहना है कि एक से अधिक पत्नी होने के पीछे कारण नाता प्रथा या फिर सामाजिक प्रतिष्ठा है। आदिवासियों में एक से अधिक पत्नी रखना मान-सम्मान की बात मानी जाती है। नंदलाल मीणा का कहना है कि आदिवासियों का अपना कानून है। उन्होंने कहा कि यह प्रथा सदियों से चल रही है और इसका हमारे यहां किसी प्रकार का विरोध भी नहीं होता। इसे आदिवासी गलत नहीं मानते हैं। 


खबरें और भी 

राजस्थान चुनाव: पीएम मोदी ने किया चुनाव प्रचार का आगाज़, कहा सुप्रीम कोर्ट के जजों को डरा रही कांग्रेस

तेलंगाना चुनाव: अमित शाह बोले- भाजपा अल्पसंख्यों को आरक्षण न देगी न किसी को देने देगी

मध्यप्रदेश चुनाव: क्या शिवराज सिंह के अभेद्य किले को तोड़ पाएगी कांग्रेस ?

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -