राजा राम मोहन राय की जयंती आज, जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम राज
राजा राम मोहन राय की जयंती आज, जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम राज
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नई दिल्ली: भारत के विचारों में सुधार लाने वाले राजा राममोहन राय की आज जयंती है.  वे सामाजिक सुधार आंदोलन प्रणेता थे. राजा राममोहन' का निधन 27 सितंबर 1833 को इंग्लैंड में हुआ था. बता दें, उनका जन्म 22 मई 1772 को हुआ था और उन्हें आधुनिक भारत का जनक भी कहा जाता है. आज उनकी जयंती के दिन उनके जीवन पर प्रकाश डालने वाले है.

इस महान व्यक्ति का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. वे ब्रह्म समाज के संस्थापक थे. उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी की नौकरी छोड़ खुद को राष्ट्र समाज में झोंक दिया. उन्होंने आजादी से पहले भारतीय समाज को सती प्रथा, बाल विवाह से निजात दिलाया.अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने 'ब्रह्ममैनिकल मैग्जीन', 'संवाद कौमुदी' में भी काम किया था. उनका सारा जीवन महिलाओं के हक लड़ाई लड़ने में गुजरा.
 
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राजा राममोहन राय को महिलाओं के प्रति दर्द उस वक्त एहसास हुआ, जब उनकी भाभी को सती होना पड़ा. वह किसी काम के लिए विदेश गए थे और इसी बीच उनके भाई की मृत्यु हो गई. उसके बाद समाज के ठेकेदारों ने सती प्रथा के नाम पर उनकी भाभी को जिंदा जला दिया. इसके बाद उन्होंने ने सती प्र‍था के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज कर दिया. उन्होंने समाज की कुरीतियों के खिलाफ गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बेंटिक की मदद से साल 1929 में सती प्रथा के खिलाफ कानून बनवाया.मोहन राय मूर्ति पूजा के विरोधी भी थे, लेकिन एक बार उन्होंने साधु बनने पर विचार किया था.दिल्ली के तत्कालीन मुगल शासक अकबर द्वितीय ने उन्हें 'राजा' की उपाधि दी थी. जो उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है.

 

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