राहुल गांधी हो सकते है UP चुनाव में CM पद के उम्मीदवार

लखनऊ : उतर प्रदेश चुनाव में तमाम अटकलों और अंदेशों के बाद कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। ये औऱ कोई नहीं बल्कि वही पुराने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी है। यह निर्णय है पहले मोदी फिर नीतीश और अब राहुल गांधी के सिर पर यूपी के सीएम का ताज सजाने की भरपूर कोशिश कर रहे प्रशांत किशोर का।

किशोर का मानना है कि यूपी में मायावती और अखिलेश के सामने टिकने के लिए कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा और भरोसेमंद चेहरा होना जरुरी है। उनके इस प्लान के पीछे एक और प्लान है। किशोर के अनुसार, यदि राहुल गांधी यूपी चुनाव जीत जाते है, तो 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने की भी पूरी गारंटी हो जाएगी।

बतौर किशोर, कांग्रेस को यूपी में किसी के साथ गठबंधन की जरूरत नहीं है। अगर राहुल नहीं तो फिर प्रियंका पर दांव लगाना होगा. 2019 तक इंतजार सही नहीं रहेगा। वो अगड़ी जाति, पासी और मुसलमानों का समीकरण बनाने पर जोर दे रहे है। चूंकि बीजेपी ने पहले ही ओबीसी पर दाव लगा रखा है। ऐसे में किशोर ब्राम्हणों पर दाव खेलना चाहते है।

किशोर ने कांग्रेस को इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकने की सलाह दी है। बिहार की तरह वो बीजेपी की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की सियासत से भी निपटने की तैयारी कर चुके है। सियासी नतीजों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि कांग्रेस मजबूत चेहरे के साथ विकल्प बने और जीतती हुई दिखे तो 200 का आंकड़ा पार कर यूपी में सरकार बना सकती है या फिर पहले की तरह लड़े तो 28 की जगह 20 पर भी सिमट सकती है।

28 से 60, 70 की उम्मीद पूरी होना नामुमकिन जैसा है। इस महीने में कांग्रेस परिवार द्वारा सीएम उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। अगर राहुल और प्रियंका के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो आखिरी विकल्प शीला दीक्षित तो है ही। 1 जून से प्रशांत व उनकी टीम यूपी में काम शुरु कर देगी।

नए चेहरे के साीथ यूपी में काम करने वाली टीम भी नई होगी। प्रभारी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर समते प्रभारी सचिव भी बदल दिए जाएंगे। हालांकि निर्मल खत्री को किसी दूसरे पद पर रखकर उनका इस्तेमाल किया जाएगा

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