कटक: उड़ीसा उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के साथ पुरी में के. रमेश की कथित हिरासत में हुई मौत को लेकर राज्य सरकार में भारी गुस्सा है और इसकी रिपोर्ट मांगी जा रही है। उड़ीसा राज्य सरकार ने आज 11 जनवरी को उड़ीसा उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए अपने पूर्व दावे को दोहराया कि पुरी में के अपा @ रमेश की मृत्यु हिरासत में मौत का मामला नहीं है। राज्य सरकार ने मृतक अपा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की।
मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर व न्यायमूर्ति संजू पंडा की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को मामले की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी के लिए लगाई है। यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि इससे पहले इस मामले में पुरी एसपी कंवर विशाल सिंह ने अदालत को सूचित किया था कि मामले की तीन स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच चल रही है।
सिंह ने हलफनामे के जरिए अदालत को बताया था कि राज्य पुलिस के मानवाधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ के डीएसपी रैंक के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। पुरी एसपी ने अपने हलफनामे में आगे बताया था कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सुझाव के अनुपालन में कथित हिरासत में मौत के मामले में मृतक के परिजनों के लिए पांच लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा मंजूर किया है।
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