असहिष्णुता पर बोले राष्ट्रपति - गंदगी सड़कों पर नहीं बल्कि दिमाग में है
असहिष्णुता पर बोले राष्ट्रपति - गंदगी सड़कों पर नहीं बल्कि दिमाग में है
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अहमदाबाद ​: भारत के महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में बढ़ती असहिष्णुता और संसद में इस मसले पर चलने वाली बहस को लेकर बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि देश में असहिष्णुता का माहौल है। बहस और संसद में इस मामले में हो रहे हंगामे के बीच राष्ट्रपति द्वारा अहम बयान दिया गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने कहा कि गंदगी सड़कों पर नहीं बल्कि दिमाग में है। उनका इशारा था कि संकीर्ण मानसिकता को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें अपने दिमाग को साफ करने की आवश्यकता है। 

गुजरात की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उन्हें स्वच्छ भारत अभियान का स्वागत करना होगा। इस तरह के अभियान को सफल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे दिमाग को साफ करने की जरूरत है। गांधी की सोच को विभिन्न पहलूओं के साथ साकार करने की जरूरत है। हालांकि स्वच्छ भारत अभियान इस दिशा में एक शुरूआत के तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा जब तक रहेगी तब तक स्वच्छ भारत को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

प्रणब मुखर्जी द्वारा यह भी कहा गया कि महात्मा गांधी को केवल राष्ट्रपिता के तौर पर देखना उचित नहीं है। उनकी हस्ती इससे कहीं अधिक बढ़कर है। उनका कहना है कि जनसंख्या का प्रत्येक वर्ग समानता के साथ रहे उसे समान अधिकार प्राप्त हो। भारत को एक ऐसा देश कहा जाए जो अतुलनीय विविधता और बहुलवाद को लेकर प्रतिबद्धता को मजबूत करता हो। राष्ट्रपति प्रणब के कहने का अर्थ था कि देश में एक ऐसी मानसिकता विकसित हो जो राष्ट्र के प्रति नागरिकों की जवाबदेही को तय करे। दूसरी ओर देश में एकता कायम रहे। 

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