अपने मामलों को देखने में बिजली कंपनियां अपना बचाव करने में सक्षम
अपने मामलों को देखने में बिजली कंपनियां अपना बचाव करने में सक्षम
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नईदिल्ली: नियमों के अनुसार सीएजी आॅडिट नहीं हो पाने के कारण न्यायालय की सुनवाई नहीं हो पाई है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि दिल्ली की विद्युत कंपनियों द्वारा अपना बचाव करने में वे सक्षम हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एनजीओ की याचिका खारिज कर दी गई. मिली जानकारी के अनुसार जस्टिस जे चेलामेश्वर की बेंच ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका के दौरान कहा कि न्यायालय जे चेलामेश्वर की बेंच ने उपभोक्ता युनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी की याचिका पर यह कहा कि आखिर आप क्यों बिजली कंपनियों का बचाव करने में लगे हैं।

आखिर कंपनियां स्वयं इस मामले को देख लेंगी, अब यह मामला देश की शीर्ष अदालत में पहुंच गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को बिजली कंपनियों के खातों का सीएजी आॅडिट करवाने का अधिकार नहीं है. वर्ष 2014 में दिल्ली की बिजली कंपनियों के आॅडिट का आदेश भी दे दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की विद्युत कंपनियां टाटा पावर, दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड, बीएसईएस, राजधानी पाॅवर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड ने उच्चन्यायालय को चुनौती दी थी, जिस पर न्यायालय ने अपने निर्णय दिया है।

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