Jul 28 2016 05:33 PM
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाके में अवैध रुप से अफीम की खेती की जा रही है, जिससे खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए है। दरअसल खुफिया विभाग की चिंता का कारण इसलिए है, क्यों कि यह आतंकी संगठन जमात-उद-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के आतंकियों द्वारा वितीय कोष बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
सीआईडी का कहना है कि इन जिलों की रणनीतिक स्थिति ने अफीम की अवैध खेती में मदद पहुंचाई है, जो सैकड़ों युवाओं के बीच धन जुटाने वाला एक प्रमुख कारोबार बन गया है। मुर्शिदाबाद जिले में नोवादा और बेलडंगा के अलावा बीरभूम जिले में डूबराजपुर, इलमबाजार और कनकरताला में कथित रूप से गुप्त तौर पर नशीले पदार्थो की खेती की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि ऐसे कई सबूत है, जिससे पता चलता है कि इस खेती से मिलने वाला धन आतंकी समूहों को जाता है। संभावना जताई जा रही है कि जेएमबी के जरिए ये धन आईएसआईएस तक पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस और बीएसएफ की मदद से पिछले साल करीब 4,000 एकड़ में लगाई गई अफीम की फसल को नष्ट किया गया था।
इस साल अब तक करीब 1,000 एकड़ में लगी फसल को नष्ट किया जा चुका है।
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