नई दिल्ली : देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस मसले पर दिल्ली में राजनीतिक माहौल बना हुआ है। अब इस मसले में साहित्यकारों, इतिहासकारों के बाद फिल्म कलाकार, फिल्म निर्माता, निर्देशक और कलाकार कूद पड़े हैं। हालांकि इनका कहना है कि सरकारों और विपक्ष से कोई भेद नहीं है लेकिन इस मसले पर विपक्ष द्वारा जमकर विरोध किया गया है। दूसरी ओर केंद्र की एनडीए सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने असहिष्णुता के मसले पर विवाद होने की बात को अस्वीकार कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री नकवी का कहना है कि देश में असहिष्णुता का माहौल नहीं है। इस पर विवाद किया जा रहा है। इस मसले पर राजनीतिक प्रचार कर देश की आत्मा पर ही हमला किया गया है। उन्होंने कहा देश की शक्ति सांप्रदायिक सौहार्द ही है। असहिष्णुता का माहौल बनने का आरोप लगने के मामले में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्विटर पर ट्विट कर कहा कि सहिष्णुता देश की आत्मा और सौहार्द की शक्ति है।
सहिष्णुता देश की आत्मा और सौहार्द एक शक्ति है। सहिष्णुता पर खतरा बताकर राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है, जबकि देश में किसी तरह की असहिष्णुता है ही नहीं। इस तरह का प्रचार देश की आत्मा पर हमला है। ऐसा किसी भी दल द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। नकवी की टिप्पणियां विपक्षी दलों और विद्वानों की आशंका के बाद आई हें। इसे बेहद अहम माना जा रहा है।
दरअसल विद्वानों और बुद्धिजीवी वर्ग ने इस तरह की टिप्पणियां की थीं कि देश में असहिष्णुता का माहौल है। सप्ताह प्रारंभ होने के दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री जेटली ने इस मामले में अपनी ओर से कहा था भारत देश असहिष्णु नहीं हो सकता। अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने भारत को सबसे सहिष्णु राष्ट्र बताया था।