कार्तिक आर्यन , भूमि पेडणेकर, अनन्या पांडे स्टारर और निर्देशक मुदस्सर अजीज की फिल्म 'पति पत्नी और वो ' आज सिनेमाघरों में धमाकेदार दस्तक दे चुकी है. फिल्म को लेकर कुछ विवाद हुए, कुछ ने कहा यह पहले जैसी नहीं हो सकती, इसके अलावा हर बार नया गाना या पोस्टर आते ही #PatiPatniAurWoh ट्रेंड में भी आया. आइए जानते हैं कि इस फिल्म में आखिर ऐसा क्या है जो आपको सिनेमाघर तक खींचेगा भी और तीन घंटे बांधे रखकर, घर पहुंचने पर भी दिमाग में हलचल करता रहेगा. एक लीजेंडरी फिल्म की रीमेक बनाने का फैसला बड़ी हिम्मत का काम है क्योंकि लोगों के दिमाग में यहां पहले से ही काफी उम्मीदें होती हैं और उन पर खरा उतरने का प्रेशर कई बार फिल्म को खराब कर देता है. परन्तु निर्देशक मुदस्सर अजीज ने साल 1978 की संजीव कुमार, विद्या सिन्हा और रंजीता स्टारर सुपरहिट फिल्म 'पति पत्नी और वो का रीमेक बनाने की हिम्मत भी की और इसे बखूबी अंजाम भी दिया है. कहना गलत नहीं होगा कि कॉमेडी और मोरल डोज का जबरदस्त कॉम्बो लिए यह फिल्म आज के दौर में भी उतनी ही प्रसांगिक नजर आ रही है जितनी की आज से 41 साल पहले थी.
अभिनेता: कार्तिक आर्यन, भूमि पेडणेकर, अनन्या पांडेय, अपारशक्ति खुराना
निर्देशक- मुदस्सर अजीज
निर्माता- भूषण कुमार, जूनो चोपड़ा
ऐसे है कहानी
वैसे तो फिल्म का नाम अपनी कहानी को जाहिर करने के लिए काफी है. लेकिन बता दें कि यह कहानी पति, पत्नी और वो की है. कहानी में किसी मैट्रो सिटी को न चुनकर कानपुर के लिए गढ़ा गया है. इस शहर को चुनते ही कहानी में एक नयापन आ जाता है. तो कहानी कुछ यूं है कि कानपुर में रहने वाले हमारे हीरो चिंटू त्यागी (कार्तिक आर्यन) बचपन से ही अपने पिता के सख्त अनुशासन में पले-बढ़े. जीवन में किताबी कीड़ा रहे चिंटू इंजीनियर भी बन गए और PWD विभाग में सरकारी नौकरी भी मिल गई. जाहिर है नौकरी लग गई तो अरेंज मैरिज के लिए रिश्ते भी आए और पिता के कहने पर एक अच्छी लड़की वेदिका (भूमि पेडणेकर) शादी भी हो गई. पत्नी से तीन साल तक जबदस्त प्यार-व्यार भी चला. परन्तु अब सब नॉर्मल हो गया.
लाइफ में आया ट्विस्ट
अब तक चिंटू त्यागी का जीवन एकदम मिडिल क्लास परिवार के लड़के के किसी सपने जैसा चल रहा था. पूरी तरह आर्दश और समाजिक रूप से परफेक्ट. ऐसे में उनकी जिंदगी में आता है सबसे बड़ा ट्विस्ट यानी तपस्या (अनन्या पांडे) जो चिंटू त्यागी की तपस्या भंग कर देती है और उनकी जिंदगी में बहार आ जाता है. और यहीं से शुरू होता है हर पल में गुदगुदाने वाले पलों का सिलसिला. परन्तु अंत में चिंटू त्यागी की क्या हालत होती है ये देखने आपको सिनेमा हॉल जाना होगा.
एक्टिंग में सब धांसू
फिल्म में एक्टिंग की बात करते तो यहां कार्तिक आर्यन अपनी हर पिछली फिल्म से कहीं बेहतर नजर आ रहे हैं. कार्तिक ने अपने लंबे-लंबे डायलॉग्स में भी कैरेक्टर को पकड़े रखा है. वहीं भूमि पेडणेकर ने भी हर बार की तरह लाजवाब अभिनय किया है. वह अधिकतर सीन में साड़ी में नजर आई हैं और यह गेटअप उन्हें पिछली फिल्मों से काफी अलग बना रहा है. वहीं अनन्या पांडे का रोल काफी ग्लैमरस है, फिल्म में तपस्या यानी अनन्या को तपस्या भंग करने वाली मेनका बनाया गया है जिसे उन्होंने काफी बेहतरीन तरीके से निभाया है. पहली फिल्म की तुलना में अनन्या काफी कॉन्फिडेंट नजर आ रही हैं. इन तीनों के अलावा अपारशक्ति खुराना की एक्टिंग हर बार गजब का पंच लेकर सामने आती है. मौसाजी बने नीरज सूद भी अपने किरदार में कमाल नजर आ रहे हैं.
ये है खास
फिल्म कहीं से कहीं तक एक मिनट के लिए भी अपने रास्ते से भटकी हुई नजर नहीं आती. निर्देशक मुदस्सर अजीज ने पूरी फिल्म का स्क्रीन प्ले इतना टाइट रखा है कि यहां दर्शक को पल भर की भी मोहलत नहीं मिलती. फिल्म के डायलॉग जबदस्त हैं, यहां कई बार दर्शक ताली बजाए बिना नहीं रह पाते. फिल्म में कई बार आपको ठहाकों के कारण पेट पकड़ना पड़ सकता है. परन्तु वहीं यह फिल्म खत्म होते-होते अपनी पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई को भी समझाती है.
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