गधों पर टिकी पाकिस्तान की इकॉनमी ! चीन को बेचकर पैसे जुटाएगी शाहबाज़ सरकार
गधों पर टिकी पाकिस्तान की इकॉनमी ! चीन को बेचकर पैसे जुटाएगी शाहबाज़ सरकार
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान इन दिनों एक बुरी तरह आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। एक ओर 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बना पाकिस्तान अपने लोगों के लिए पर्याप्त अनाज नहीं पैदा कर पा रहा है, तो वहीं, दूसरी ओर वहां गधों की बढ़ती आबादी चिंता का सबब बनी हुई है। अब पाकिस्तान अपने आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए इन गधों का सहारा लेने जा रहा है। पाकिस्तान ने इन गधों को चीन को बेचने का फैसला लिया है। 

दरअसल, पाकिस्तान इकोनॉमिक सर्वे (PES) के अनुसार, वर्ष 2022-23 में देश में गधों की तादाद गत वर्ष के मुकाबले 5.7 मिलियन से बढ़कर 5.8 मिलियन हो गई है। सर्वे के अनुसार, वर्ष 2019-20 में पाकिस्तान में 5.5 मिलियन गधे थे, जबकि 2020-21 यहां पर 5.6 मिलियन गधे हो चुके थे। विश्वभर में गधों की आबादी के मामले में पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है, जबकि चीन पहले स्थान पर है। पहले भी चीन ने पाकिस्तान से गधों के आयात के लिए संपर्क किया था। इसके पीछे कारण यह था कि चीन में इतनी डिमांड बहुत अधिक है। वर्ष 2022 में डॉन में प्रकाशित खबर के अनुसार, चीन स्थानीय मांग में बढ़ोतरी और देश में उत्पादन में कमी के चलते अन्य देशों से गधों और कुत्तों का आयात करना चाह रहा था।

बता दें कि, चीन को गधों को अपनी त्वचा से जिलेटिन की आवश्यकता होती है। वहां पर इसका उपयोग पारंपरिक चीनी दवाओं के निर्माण के लिए किया जाता है। इसके लिए चीन में गधों को मारने के बाद उनकी खाल को उबाला जाता है। 2019 में गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिलेटिन में ऐसे गुण होते हैं, जो इंसान के इम्यून सिस्टम को बढ़ाते हैं। अधिकारियों के अनुसार, 2022 में चीन ने पाकिस्तान से गधे और कुत्तों के आयात में दिलचस्पी दिखाई थी।

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