चीन मुद्दे पर संसद में विपक्ष का हंगामा, किरेन रिजिजू ने 2005 का जिक्र कर कांग्रेस को दिखाया आइना
चीन मुद्दे पर संसद में विपक्ष का हंगामा, किरेन रिजिजू ने 2005 का जिक्र कर कांग्रेस को दिखाया आइना
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नई दिल्ली: तवांग सेक्टर में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद विपक्ष खासकर कांग्रेस लगातार संसद में हंगामा कर रही है। संसद में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इस मुद्दे पर बयान दिए जाने के बाद भी विपक्षी सांसदों ने चीन पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा से वॉकाउट कर दिया। जिसके बाद सरकार ने दोहराया कि रक्षा मंत्री सदन में बयान दे चुके हैं, कानून मंत्री किरेन रिजिजू खुद तवांग जाकर और जवानों से मिलकर हालात का जायजा ले चुके हैं। यहाँ तक कि, सेना खुद भी चीन मुद्दे पर बयान देकर कह चुकी है कि, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और सेना हर हालत के लिए तैयार है। लेकिन, संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है और सदन की कार्रवाई निरंतर बाधित हो रही है, जिससे कामकाज नहीं हो पा रहा है। 

इस पर संसद में पीयूष गोयल ने कहा कि UPA सरकार के समय ऐसे मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं की गई। अब केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि 2005 में भी जब  नियम 193 के तहत इसी प्रकार के मुद्दे पर चर्चा की बात कही गई थी, उस समय उनसे कहा गया था कि यह अच्छी बात नहीं है और इस तरह के मुद्दों पर सियासत नहीं की जानी चाहिए। रिजिजू ने आगे कहा कि, 'जब चीन के प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आए थे, उस समय मैं विपक्ष में था। मैंने नियम 193 के तहत लोकसभा में सीमा विवाद पर चर्चा करवाने की मांग की। उस वक़्त प्रणव मुखर्जी विपक्ष के नेता थे। उन्होंने मुझे अलग से बुलाकर कहा कि, यह संवेदनशील मुद्दा है औऱ संसद में चर्चा उचित नहीं है। इससे आंतरिक तौर पर निपटना है।' 

रिजिजू ने कहा कि मुखर्जी से बात के बाद उन्होंने चर्चा के लिए सदन में दबाव नहीं डाला। बता दें कि 9 अप्रैल से 12 अप्रैल तक साल 2005 में तत्कालीनी चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ भारत दौरे पर आए हुए थे। रिजिजू ने एक दूसरी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि, इसके बाद जब 2006 में चीन के राष्ट्रपति भारत आने वाले थे, तब अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर पर और लद्दाख में भी घुसपैठ का प्रयास किया गया था। मैंने एक बार फिर सदन में चर्चा के लिए मांग की। लेकिन, उस समय भी प्रणव मुखर्जी ने वही बात दोहराई और कहा कि मुझे जिस बात की जानकारी चाहिए, व्यक्तिगत रूप से दे दी जाएगी। मैंने कहा कि यह सब हमारे विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी पर निर्भर करता है। इसके बाद मुखर्जी ने आडवाणी के साथ बात की और हमने फैसला किया कि सदन में इस पर चर्चा के लिए सरकार पर दबाव नहीं डाला जाएगा। चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ 20 नवंबर से 23 नवंबर के बीच भारत दौरे पर आए थे। 

रिजिजू ने कहा कि, आज वही कांग्रेस निरंतर सदन में चीन के मुद्दे पर चर्चा की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में भारतीय सरहदें अधिक सुरक्षित हैं। सरकार लागातर सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि, वर्ष 2013 में जब एके एंटनी रक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की नीति में सीमाई क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शामिल ही नहीं था। 

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