मेरे बाबूजी की कविताओं पर सिर्फ मेरा हक़- अमिताभ बच्चन
मेरे बाबूजी की कविताओं पर सिर्फ मेरा हक़- अमिताभ बच्चन
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दिल्ली: महानायक अमिताभ बच्चन ने कॉपीराइट एक्ट 1957 के नियम की आलोचना करते हुए उसे अपने ब्लॉग पर  बकवास बताया है. अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा, किसी भी रचानाकार का उसके साहित्य, नाटक और संगीत पर सिर्फ 60 वर्ष नहीं बल्कि हमेशा के लिए हक होना चाहिए. ये असल में एक रचनाकार की विरासत होती है, लेकिन 60 साल बाद ये आम जनता की हो जाएगी.

अमिताभ ने कहा कि बाबूजी की कविताओं पर सिर्फ उनका हक है. उन्होंने कॉपीराइट एक्ट 1957 का विरोध करते हुए कहा कि वो इसके लिए जरूर लड़ेंगे. बिग बी ने लिखा कि ये नियम सिर्फ 60 सालों के लिए क्यों है? 61 साल के लिए क्यों नहीं? मेरी विरासत हमेशा मेरी ही रहेगी, इस पर किसी और का कभी हक नहीं होगा. ब्लॉग में आगे लिखा है अपने पिता के वंशज के तौर पर उनकी रचनाओं पर जो अधिकार उनके पास हैं वह उनके निधन के 60 साल बाद नहीं रह जाएंगे. फिर इसे दुनिया के हवाले कर दिया जाएगा, लोग इसे खरोंच सकते हैं, खराब भी कर सकते हैं, नष्ट कर सकते हैं और व्यावसायिक हित के लिए इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं.  लेकिन इस पर मेरा कॉपीराइट है.

बता दें कि अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंशराय बच्चन ने कई सारी लोकप्रिय कविताएं रची हैं जिसे महानायक ने सहेजकर रखने के साथ कई बार मंच पर खुद पढ़कर सुनाया भी है. लेकिन अब खबरें हैं कि कॉपीराइट एक्ट 1957 के नियम के अनुसार अमिताभ के हाथ से उनके पिता की इन कविताओं का हक छीन सकता है. अपने पिता की विरासत से अम‍िताभ का भावनात्मक लगाव जगजाहिर है, ऐसे में अपनी आवाज उठाते हुए बिग बी ने नाराजगी जाहिर की है.

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