नेपाल ने भारत के साथ स्थाई साझेदारी की प्रतिबद्धता जताई
नेपाल ने भारत के साथ स्थाई साझेदारी की प्रतिबद्धता जताई
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नई दिल्ली : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश अपने विकास और अपनी समृद्धि के लिए भारत के साथ एक स्थायी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है. प्रचंड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेपाल ने सभी क्षेत्रों में भारत के साथ संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए ठोस कदम उठाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया है. प्रचंड और मोदी ने हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बातचीत के बाद मीडिया को संबोधित किया

प्रचंड ने कहा, 'हमने अपने सम्मानित पड़ोसी पहले की नीतियों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया और इस बात पर सहमत हुए कि हमारी नीतियों में यह सामूहिक शुरुआत विश्वास और खुले संवाद पर आधारित 21वीं सदी के लिए एक महान और आपस में लाभकारी साझेदारी का नेतृत्व करेगी. भारत के साथ नेपाल के मित्रवत संबंधों पर जोर देते हुए प्रचण्ड ने कहा कि उन्होंने यह दृष्टिकोण जाहिर किया कि भरोसा और विश्वास मजबूत और टिकाऊ मित्रवत संबंधों की अनिवार्य शर्त है और इसे सुनिश्चित करने के लिए हमें अच्छी पड़ोसी भावना के साथ एक-दूसरे की संवेदनाओं और चिंताओं का आदर करना चाहिए.

प्रचण्ड ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक अर्थपूर्ण साझेदारी विशाल संभावनाओं को खोलने के लिए महत्वपूर्ण है. मैंने इस बात को महसूस किया है कि आर्थिक समृद्धि को राजनीतिक बदलाव के बगैर टिकाऊ नहीं बनाया जा सकता. नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा कि एक शांतिपूर्ण, स्थिर, लोकतांत्रिक और समृद्ध नेपाल अपने पड़ोस में और उससे आगे भी शांति और स्थिरता में योगदान करेगा.

नेपाल और भारत मित्र हैं और मित्र रहने के लिए बाध्य हैं. हमारी मित्रता और भाईचारगी साझा संस्कृति और सभ्यतागत संपर्क और संयुक्त राष्ट्र चार्टर व पंचशील सिद्धांतों के ऐतिहासिक संबंधों के ठोस बुनियाद पर खड़ी है. घनिष्ठ पड़ोसी होने के नाते हमारे भाग्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.

मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी से कहा कि हम उनके मजबूत नेतृत्व में भारत की वृद्धि और समृद्धि से कितने प्रेरित हैं. प्रचंड ने कहा हम नेपाली समाज के हर वर्ग के हित में संविधान को लागू करने के चरण में प्रवेश कर रहे हैं. व्यापार, पारगमन और संपर्क अन्य महत्वपूर्ण एजेंडे हैं, जिन पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर नेपाल की चिंता पर भी चर्चा के साथ दोनों नेताओं ने अतिरिक्त तीन हवाई प्रवेश मार्गों के लिए नेपाल के अनुरोध पर भी चर्चा की.

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