'हनीट्रैप में फंस चुके थे नेहरू, आज़ादी के 12 साल बाद तक अंग्रेज़ों को भेजते रहे ख़ुफ़िया जानकारी'
'हनीट्रैप में फंस चुके थे नेहरू, आज़ादी के 12 साल बाद तक अंग्रेज़ों को भेजते रहे ख़ुफ़िया जानकारी'
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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान महाराष्ट्र में स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर पर देश के साथ धोखा देने का इल्जाम लगाया था। अब सावरकर के पोते ने राहुल गाँधी के नाना और देश के प्रथम पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू पर संगीन इल्जाम लगाए हैं। सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल गाँधी के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि पंडित नेहरू एक ‘महिला’ के कहने पर देश का बंटवारा करने पर राजी हो गए थे। रंजीत ने कहा कि आजादी के बाद 12 सालों तक पंडित नेहरू ने देश की गुप्त जानकारियाँ अंग्रेजों को दी थी। रंजीत सावरकर ने इस पर राहुल गाँधी से जवाब देने के लिए कहा है।

उल्लेखनीय है कि, महाराष्ट्र के वाशिम में राहुल ने वीर सावरकर पर देश से गद्दारी करने का इल्जाम लगाया था। राहुल का आरोप था कि सावरकर अंग्रेजों को पत्र लिखकर उनका नौकर बने रहने को कहा था और आजीवन उनसे पेंशन लेते रहे थे। रंजीत सावरकर ने शुक्रवार (18 नवंबर) को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की बीवी एंडविना और पंडित नेहरू के बीच हुए पत्रचारों को अंग्रेजों से वापस माँगा जाए और उसे जनता के सामने रखा जाए। रंजीत ने कहा कि, 'इन पत्रों से पता चलेगा कि जिसे देश चाचा नेहरू कहता है, उसने देश के साथ कैसे धोखा किया।'

स्वतंत्र भारत के प्रथम पीएम पंडित नेहरू पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए रंजीत सावरकर ने कहा कि पंडित नेहरू 9 मई से 12 मई 1947 के बीच अकेले हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला गए थे और वे वहाँ 4 दिनों तक रहे। रंजीत ने आगे कहा कि, 'उस दौरान एडविना के ब्रिटिश सरकार को लिखे गए पत्रों में कहा गया था कि मैंने पंडित नेहरू को अपना अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है।' निजी संबंधों को लेकर एडविना के पत्र में लिखी हुई बातों का उल्लेख करते हुए रंजीत सावरकर ने कहा कि, पंडित नेहरू काफी व्यस्त हैं। इसलिए वे ‘नर्वस ब्रेकडाउन’ के करीब पहुँच रहे हैं। उन्होंने मेरे साथ 4 दिन गुजारे। हम दोनों (एडविना और नेहरू) काफी अच्छे दोस्त बन गए हैं और यह दोस्ती बहुत समय तक चलेगी।' रंजीत सावरकर ने यह कहा कि एडविना ने अपने पत्र में लिखा था कि ‘पंडित नेहरू मेरे काबू में आ चुके हैं।'

रंजीत सावरकर ने आगे बताया कि पंडित नेहरू ने देश की सुरक्षा को दरकिनार कर लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय बना दिया था। उन्होंने कहा कि, 'बलवंत सिंह ने बताया था कि माउंटबेटन के वायसराय होने की वजह से पाकिस्तान में आर्मी नहीं भेज सकते। 20,000 लड़कियों का किडनैप कर पाकिस्तान ले जाया गया। नरसंहार को देखकर भारतीय नेताओं को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें, इसलिए मैंने पूर्ण नियंत्रण ले लिया।' माउंटबेटन का हवाला देते हुए रंजीत सावरकर ने बताया कि, 'वायसराय ने लिखा था कि उनके भारत छोड़ने के बाद नेहरू ने माउंटबेटन को 12 सालों तक रोज़ अपनी रिपोर्ट भेजी थी।' रंजीत सावरकर ने कहा कि यह खुफिया एजेंसियों की बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि नेहरू हनीट्रैप में फँस गए थे। 

रंजीत सावरकर ने पीएम नरेंद्र मोदी से इसकी जाँच की माँग करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को इस पूरे मामले की छानबीन कराना चाहिए। इसके पहले भी कई लोग हनीट्रैप में पकड़े जा चुके हैं और उन्हें सजा भी मिल चुकी है, मगर नेहरू की बता कौन करे। उन्होंने इस हनीट्रैप पर राहुल गाँधी से जवाब देने को कहा है।

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