नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर चर्चा के दौरान देश के प्रथम पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू पर की गलतियों को उजागर किया था। अमित शाह ने कहा था कि यदि नेहरू जी उस समय संघर्षविराम नहीं करते, जब भारतीय सेना युद्ध जीत रही थी, तो आज PoK भी भारत के पास होता। इसके साथ ही अमित शाह ने कहा था कि यदि 2 दिन रुक जाते, तो पूरा PoK तिरंगे के नीचे आ जाता। अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भड़क गए हैं और उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
#WATCH | Congress MP Rahul Gandhi says "...The basic issue is caste-based census and who is getting people's money? They do not want to discuss this issue, they run away from this. We will take this issue forward and make sure that the poor get what they deserve...Even our CM in… pic.twitter.com/Jp3eJmI9TT
— ANI (@ANI) December 12, 2023
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अमित शाह को इतिहास नहीं पता है। उन्होंने कहा कि, "पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत के लिए अपनी जिंदगी दे दी, सालों तक जेल में रहे। गृह मंत्री अमित शाह को शायद इतिहास नहीं पता। ये बात सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए की गई है।'' उन्होंने कहा कि, देश का मूल मुद्दा जातीय जनगणना, भागीदारी और देश का धन किसके हाथों में जा रहा है, ये है। इस मुद्दे पर ये (भाजपा के) लोग चर्चा नहीं करना चाहते हैं, इससे डरते हैं और भागते हैं। हम इस मुद्दे को आगे लेकर जाएंगे और गरीब लोगों को उनका हक हम दिलवाएंगे।"
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 370 हटाने के फैसले को वैध और देशहित में ठहराने के बाद अमित शाह ने विपक्ष पर हमला किया था, दरअसल, विपक्ष खासकर कांग्रेस शुरू से ही 370 को वापस लागू करने कि मांग करती रही थी। जिसके कारण कश्मीर में दलितों और अन्य समुदायों का शोषण हुआ था। इसका जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि, विपक्षी दल आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर परिवर्तन देखने में असमर्थ है और दावा किया कि पूरा देश समझ गया है कि कश्मीर पर प्रथम पीएम जवाहरलाल नेहरू की 'गलतियां' थीं, जिसके चलते यह स्थिति पैदा हुई।
आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रेस की और कहा कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया है।
— BJP (@BJP4India) December 11, 2023
देश की संसद के दोनों सदनों ने राष्ट्रपति के सीईओ को अनुमोदना दिया, कानून पारित हो गया, कानून नोटिफाइड हो गया, किसी ने सुप्रीम कोर्ट में कानून को चैलेंज किया, सुप्रीम… pic.twitter.com/5tQhIJVbz8
शाह ने कहा कि हर कोई जानता है कि जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय में देरी हुई थी, क्योंकि एक व्यक्ति (पंडित नेहरू) को यह जिम्मा सौंपा गया था और इससे पाकिस्तान को कश्मीर पर हमला करने का अवसर मिल गया। उन्होंने कहा कि यदि नेहरू जी ने उस समय जीतती हुई भारतीय सेना को नहीं रोका होता, तो आज PoK होता ही नहीं, केवल कश्मीर होता। इसके बाद शाह ने ये भी कहा था कि, संघर्षविराम करने के बाद भी नेहरू जी कश्मीर मुद्दे को संयक्त राष्ट्र (UN) में ले गए और इसे अंतर्राष्ट्रीय बना दिया, जबकि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है और इस मुद्दे को हमें ही निपटना था। बता दें कि, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में यही कहा है कि, 370 अस्थायी प्रावधान था और इसे हटाने से जम्मू कश्मीर को फायदा हुआ है और ये भारत का अभिन्न अंग है, इसमें कोई संशय नहीं है।
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