दुनिया के दस और देशों में रक्षा मंत्रालय ने देश की प्रतिरक्षा कूटनीति को और धारदार बनाने के लिए डिफेंस अटैची नियुक्त करने की घोषणा की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत जैसे विशाल देश के लिए मात्र कुछ देशों से ही रक्षा सहयोग सीमित रखना उचित नहीं है.
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इस मामले को लेकर तीसरे डिफेंस अटैची सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोगों को अन्य देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए.सरकार अपने डिफेंस अटैची के जरिये संबंधित देशों में रक्षा निर्यात बढ़ाने की नई योजना लागू की है.इस योजना के तहत 34 देशों को रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए फंड की व्यवस्था की है. रक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि डिफेंस अटैची इस राशि का बुद्धिमत्ता पूर्ण तरीके से इस्तेमाल करेंगे.
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इसके अलावा रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के निजी क्षेत्र के रक्षा प्रतिष्ठानों ने सिंगापुर, वियतनाम व ओमान जैसों देशों में कार्यालय खोलकर अपने संपर्क अधिकारी नियुक्त किए हैं. डिफेंस एक्सपो-2020 के महत्व व अवसरों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में स्थापित होने जा रहे डिफेंस कॉरिडोर से हम लोगों का रक्षा उत्पादन काफी बढ़ जाएगा.हमारे डिफेंस अटैची इन कॉरिडोर में स्थापित होने वाले उद्योगों में विदेशी निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात बढ़ाने और विश्व बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए हम लोगों ने अपने मित्र देशों के लिए कई तरह के आकर्षक प्रस्ताव दिए हैं.
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