लॉकडाउन : दो देशों ने एक ही सुर में गाया गाना, छलका 'कोरोना' ​का दर्द
लॉकडाउन : दो देशों ने एक ही सुर में गाया गाना, छलका 'कोरोना' ​का दर्द
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उम्मीद से भी तेजी से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है. हर देश वायरस की दवा खोजने में लगा हुआ है. लेकिन फिलहाल संक्रमित देशों ने अपने यहां लॉकडाउन किया है. ताकि कोरोना संक्रमण थम सके. वही, भारत और इटली की लंबी दूरी को सोशल मीडिया पर मिटा दिया है. इटली और भारत के कलाकार ने कोरोना से लड़ने को साझा गीत तैयार किया है, जिसे सोशल मीडिया पर शेयर और लाइक किया जा रहा है. इस गीत के बोल हैं- हम सब अपने डर में खो गए हैं. यह कटु सत्य है. कुछ भी स्पष्ट नहीं है. समय कठिन है, जैसे तीसरा विश्व युद्ध हो रहा है. कभी सोचा भी न था कि ये दिन देखना होंगे. दुनिया को डर के घर में बैठना होगा... सब को साथ मिलकर लड़ना होगा, क्योंकि यह दुनिया की किताब का आखिरी पन्ना नहीं हो सकता...

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भोपाल के युवा संगीत निर्देशक पलाश झा और इटली की युवा गायिका इसा बेल ने इसे साथ मिलकर तैयार किया है. पलाश कहते हैं, दर्द और भाईचारे को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता. कोरोना का दर्द इटली और भारत सहित दुनिया झेल रही है. इटली की सड़कों पर भी मौत का सन्नााटा पसरा है. हजारों लोग मारे जा चुके हैं. इस विभीषिका को समझते हुए इसा बेल ने अंग्रेजी में एक गीत गाया और हिंदी में मैंने.

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वायरस के प्रकोप से तो भारत भी बुरी तरह प्रभावित है. इसलिए पलाश ने भारत के दर्द को शब्दों में पिरोया. कोरोना के इस दर्द ने दोनों देशों की दूरी समेट दी और दोनों कलाकार दुनिया को कोरोना से मिलकर लड़ने का संदेश दे रहे हैं. 2 मिनट 49 सेकंड के इस वीडियो में दोनों ने लोगों से भाईचारे को हथियार बनाकर खुद को बचाते हुए अदृश्य हत्यारे को मात देने की अपील की है- हमें इसे जीतना है. कभी सोचा नहीं था कि ये दिन देखना पड़ेगा. दुनिया को डर के कारण घर में बैठना पड़ेगा. हालात खराब हैं, लोग या तो थक गए हैं, या मर रहे हैं. अब समय आ गया है, सबको साथ खड़ा होना पड़ेगा.

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