मोदी का योग दिवस बना मुस्लिमो के गले की हड्डी
मोदी का योग दिवस बना मुस्लिमो के गले की हड्डी
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मुंबई : उधर प्रधानमंत्री योग दिवस की तैयारी कर रहे है और इधर उनके योग दिवस पर विरोध होना शुरू हो चूका है मुस्लिम संगठनो का कहना है की सूर्य नमस्कार से उनकी धार्मिक संस्कृति को हानी पहुंच सकती है. महाराष्ट्र सरकार के 21 जून को विश्व योगा दिवस के मौके पर स्कूलों को खुला रखने के आदेश पर विरोध शुरू हो गया है। मुस्लिम संगठनों ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि, योगा और सूर्य नमस्कार में एक व्यक्ति को सूर्य के सामने झुकना होता है, जबकि इस्लाम में झुकना सिर्फ नमाज के समय ही बताया गया है।

मुस्लिम संगठनों ने फैसला किया है कि वह बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे और उन्हें कहेंगे कि, योगो सत्रों को अनिवार्य ना किया जाए। जमात-ए-इस्लामी हिंद के एजुकेशन सेक्रेटरी मोहम्मद जाहूर एहमद ने कहा, "ये हमारी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए हानिकारक है। इस्लाम एकेश्वरवादी धर्म है, इसको मानने वाले अल्लाह के अलावा किसी और के आगे नहीं झुक सकते और इस तरह की चीजें मुस्लिमों पर थोपना गलत है।"

उनका कहना है की , योगा में सूर्य नम्सकार करना होता है, जिसका मतलब है सूर्य भगवान के आगे झुकना। मुस्लिम छात्र शायद ये करने में सहज महसूस ना करें। मुस्लिमों का योगा करना स्वैच्छिक कदम होना चाहिए, इसे अनिवार्य बनाना सही नहीं है। गौरतलब है कि 21 जून को विश्व योगा दिवस की घोषणा यूएन जनरल एसेम्बली ने दिसंबर, 2014 में की थी, जिसके चलते राज्य सरकार ने इस दिन को लेकर स्कूलों को खोलने का आदेश दिया।

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