शिवपुरी : यह एक ऐसी माँ के साहस की कहानी है जिसने अपने कलेजे के टुकड़े को जब मगरमच्छ के जबड़े में फंसा देखा तो अपनी जान की परवाह किये बिना मगरमच्छ से भिड गई और शोर मचाते हुए पत्थर फेंककर अपने बेटे को बचा लिया. हालाँकि बेटे के दोनों हाथ बुरी तरह लहुलुहान हो गए. बेटे को बचाने के इस प्रयास में माँ भी घायल हो गई.
घटनाक्रम के अनुसार मायापुर थाना क्षेत्र के ग्राम महुआखेडा निवासी कमलेश पुत्र श्यामकरण गुर्जर (12) शनिवार शाम को मवेशी चरा रहा था. उसके साथ उसकी माँ गीता बाई भी मौजूद थी. प्यास लगने पर कमलेश पास में ही ऐर नदी में पानी पीने चला गया. जैसे ही उसने पानी पीने को हाथ बढाए तभी एक विशालकाय मगरमच्छ ने कमलेश के हाथों को जबड़े में जकड़ लिया तो कमलेश चीखने लगा.
बेटे की चीख सुन माँ गीता बाई तुरंत पानी में कूद गई और शोर मचाकर पास में मौजूद पत्थर मगरमच्छ पर बरसाने लगी. इस पर मगरमच्छ कमलेश को छोडकर गीता बाई की ओर बढ़ा लेकिन साहस दिखाकर वह घायल बेटे को लेकर नदी से दूर भाग ग ई और अपने बेटे की जान बचा ली. जिला अस्पताल में भर्ती कमलेश की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.