नई दिल्ली: केंद्र सरकार इनकम टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम करने और अनुपालन को सरल बनाने के लिए चुपके से बड़ा आयकर सुधार ला सकती है. बताया जाता है कि वर्तमान प्रत्यक्ष कर कानून (डायरेक्ट टैक्स लॉ) को दुरुस्त करने का कार्य संपन्न हो चुका है, किन्तु आम बजट 2019-20 से पहले आवाम की अपेक्षाओं को लेकर इसे रोक लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि दशकों पुराने आयकर अधिनियम के स्थान पर आने वाले नए कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित टास्क फोर्स को उसकी रिपोर्ट सौंपने के लिए 26 मई को दो माह का और वक़्त दिया गया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने जब देखा कि वर्तमान कानून 50 वर्ष पुराना है और इसे समकालीन बनाने के लिए दोबारा इसका ड्राफ्ट बनाने की आवश्यकता है तो नवंबर 2017 में समिति का गठन किया गया.
एक अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि, 'यह (नया प्रत्यक्ष कर कानून) तक़रीबन पूरा हो चुका है. इसे बजट के बाद लाया जाएगा, क्योंकि हमारा फोकस वित्त विधेयक पर है.' हालांकि अधिकारी ने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया है. उन्होंने कहा है कि, 'अगर ड्राफ्ट अभी आता तो अनावश्यक अपेक्षाएं उत्पन्न हो जातीं.' अधिकारी ने संकेत दिया है कि नए कानून में न केवल नौकरीपेशा लोगों पर कर का भार कम किया जाएगा, बल्कि रिटर्न दायर करने की प्रक्रिया भी आसान बनाई जाएगी. इसके फलस्वरूप करदाताओं की संख्या में वृद्धि होगी.
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