बंगाल में मोदी सरकार ने रद्द कर दिया हज़ारों लोगों का आधार ! सीएम ममता के आरोप पर आया UIDAI का जवाब
बंगाल में मोदी सरकार ने रद्द कर दिया हज़ारों लोगों का आधार ! सीएम ममता के आरोप पर आया UIDAI का जवाब
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नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कथित तौर पर ममता बनर्जी के इस दावे के बाद स्पष्टीकरण जारी कर दिया है कि मोदी सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों के आधार कार्ड 'गुप्त रूप से' रद्द कर रही है। इस घटनाक्रम की पुष्टि सोमवार (19 फरवरी) को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने की। एक ट्वीट में उन्होंने UIDAI के 'फीडबैक' पेज का स्क्रीनशॉट साझा किया और टिप्पणी की, "UIDAI ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि कोई भी आधार कार्ड रद्द नहीं किया गया है।"

सुवेंदु अधिकारी ने जोर देते हुए कहा कि, 'मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी गपशप या गलत सूचना पर विश्वास न करें। मुख्यमंत्री बेवजह दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहीं हैं। किसी को भी चिंतित नहीं होना चाहिए।'' UIDAI के फीडबैक पेज पर कहा गया है कि कोई भी आधार नंबर रद्द नहीं किया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि डेटाबेस को अपडेट करने के लिए आधार कार्ड धारकों को समय-समय पर संदेश भेजे जाते हैं। UIDAI ने बताया कि, “आधार, सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली डिजिटल पहचान के रूप में, कई सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी के मद्देनजर आधार डेटाबेस की सटीकता बनाए रखने के लिए UIDAI ने दस्तावेजों और आधार जानकारी को अपडेट करने की कवायद शुरू की थी। आधार डेटाबेस को अपडेट रखने के लिए की जाने वाली गतिविधियों के दौरान, आधार संख्या धारकों को समय-समय पर सूचनाएँ जारी की जाती हैं। इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भी आधार संख्या रद्द नहीं की गई है।” 

 

बता दें कि रविवार (18 फरवरी) को ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर बिना किसी पूर्व सूचना के गुपचुप तरीके से लोगों के आधार नंबर रद्द करने का आरोप लगाया था। उन्होंने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक सार्वजनिक रैली के दौरान विवादास्पद टिप्पणी की थी।  कार्यक्रम में  उन्होंने आरोप लगाया था कि, 'आपमें से कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। सतर्क रहो! मेरे पास कई समाचार हैं। वे (मोदी सरकार) बहुत सारे लोगों के आधार कार्ड रद्द कर रहे हैं' बर्धमान जिले के जमालपुर में 50 लोगों के आधार कार्ड निलंबित कर दिये गये हैं। यह बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और यहां तक कि उत्तरी बंगाल में भी हो रहा है।'

ममता बनर्जी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा था कि, 'पहले वे आपसे कहते हैं कि आप आधार के बिना बैंक खाता नहीं बना सकते। लोगों की अनुमति के बिना उनके आधार कार्ड रद्द करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई? क्या तुम्हें कोई शर्म नहीं आती? आप चुनाव से पहले ऐसा कर रहे हैं ताकि लोग अपने बैंक खाते, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजनाओं, मुफ्त राशन तक पहुंच न सकें? यह आपकी साजिश है।' फिर उन्होंने आधार कार्ड को दरकिनार कर और अन्य पहचान पत्रों का उपयोग करके लाभार्थियों को धन हस्तांतरित करने की कसम खाई थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि, ''मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि राज्य में कोई भी योजना आपके आधार कार्ड से नहीं जुड़ी होगी।'' बता दें कि, यह पहली बार नहीं है कि ममता बनर्जी ने आधार कार्ड को लेकर उन्माद फैलाने की कोशिश की है। पिछले साल अप्रैल में, उन्होंने आरोप लगाया था कि आधार सत्यापन कथित तौर पर बंगाल में CAA और NRC लागू करने की एक चाल है।

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