राज ठाकरे के लोगो ने गुजराती में लिखे बोर्ड को जबरदस्ती हटाया
राज ठाकरे के लोगो ने गुजराती में लिखे बोर्ड को जबरदस्ती हटाया
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मुंबई: मुंबई में एक बार फिर से गुंडागर्दी का मामला सामने आया है जिसमे अब गुजरातभाषियों का विरोध किया जा रहा है. जिसमे मुंबई में लगे गुजराती में लिखे हुए बोर्ड को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा हटाया गया. राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने अब गुजरातभाषियों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा है. जिसमे  मनसे वर्कर्स ने दादर और माहिम इलाके में कई दुकानों के गुजराती भाषा में लगे बोर्ड जबरदस्ती हटा दिए, इसका विरोध करने पर विवाद किया गया.

महाराष्ट्र के मुंबई में की गयी इस अनैतिक कार्यवाही से गुजरात भाषी लोगो में आक्रोश है. किन्तु मनसे वर्कर्स ने गुजरात में लिखे हुए बोर्ड हटा दिए. और मराठी में लिखे हुए बोर्ड लगाने को कहा. इसके पीछे जानकारों ने कारण बताते हुए कहा है कि राज ठाकरे इस बार यूपी-बिहार के लोगों के साथ-साथ गुजराती भाषियों से राजनीतिक कारणों से बहुत खफा है. मुंबई और आसपास के इलाकों में रहने वाले हिंदीभाषी पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी के साथ देते है. गुजराती भाषी चूंकि पहले से ही बीजेपी के साथ थे. जिसके चलते गुजराती बहुल इलाके में मनसे और शिवसेना दोनों को चुनाव के वक्त मुंह की खानी पड़ रही है, जिससे यह कार्यवाही की गयी.

बता दे कि इससे पहले भी राज ठाकरे ने 2009 में यूपी-बिहार के लोगों का विरोध कर सुर्खियां बटोरी थी, मुंबई की करीब 20% आबादी गुजराती बोलने वाले लोगों की है. ऐसे में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. पुलिस ने बोर्ड हटाने वाले मनसे के सात कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.

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