जवानों की भर्ती के लिए सेना शहरों में बड़ी-बड़ी भर्ती रैलियां अब नहीं करेगी. इन रैलियों में मचने वाली भगदड़ एवं हंगामे की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. भर्ती के लिए सेना अब छोटे शहरों एवं तहसीलों में जाएगी. तथा भर्ती से पहले उम्मीदवारों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी प्रदान करेगी. सेना की भर्ती रैलियों में भगदड़ मचने की कई घटनाएं होती हैं. कारण यह है कि सेना किसी शहर में भर्ती की घोषणा करती है और वहां भारी भीड़ इकट्ठी हो जाती है. एक या दो दिन में इतने लोगों को संभाल पाना सेना के लिए या स्थानीय प्रशासन के लिए मुश्किल होता है.
इससे बचने वाली भगदड़ में कई उम्मीदवारों की जानें भी जा चुकी हैं. रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार इसके लिए नई व्यवस्था की गई है. अब पहले उम्मीदवारों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद उम्मीदवारों को मापदंडों पर परखा जाएगा और योग्य उम्मीदवारों को ही शारीरिक जांच, लिखित परीक्षा या इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. दूसरे, भर्ती के केंद्र बड़े शहर नहीं बल्कि अब एकदम छोटे शहर बनेंगे जो तहसील स्तर के होंगे. उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां भर्ती पहले नहीं हुई है.
भर्ती प्रक्रिया के लिए एक-दो दिन नहीं बल्कि सप्ताह भर का कार्यक्रम रखा जाएगा और जिन उम्मीदवारों को जिस दिन बुलाया जाएगा, उन्हें उसी दिन शाम तक छोड़ दिया जाएगा. मकसद यह है कि एक साथ किसी स्थान पर लाखों की तादात में उम्मीदवार नहीं पहुंचने पाएं. रक्षा मंत्रालय का मानना है कि छोटे केंद्रों में भर्ती करने से जहां स्थानीय युवकों को बेहतर मौके मिलेंगे वहीं नई व्यवस्था से भर्ती प्रक्रिया बेहतर होगी और स्थानीय प्रशासन के लिए भी उसका प्रबंधन मुश्किल नहीं होगा.