मराठों को मौजूदा ओबीसी कोटे की चिंता करने की जरूरत नहीं: उद्धव ठाकरे
मराठों को मौजूदा ओबीसी कोटे की चिंता करने की जरूरत नहीं: उद्धव ठाकरे
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एक बार फिर विधानसभा को आश्वस्त किया कि मौजूदा ओबीसी कोटा वही रहेगा और मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की अटकलें फैलाकर सामाजिक विभाजन पैदा करने की कोशिशें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

शिवसेना पार्टी ने हिंदुत्व को नहीं दिया बताते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार और संरक्षण का काम करेगी, जिसका उद्देश्य 'प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देना' है। हालांकि यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएगी और संरक्षण के लिए मंदिरों की पहचान करने में विपक्ष से सहयोग मांगा जाएगा। भाजपा पर खिंचाई करते हुए उन्होंने कहा कि यह परियोजना दर्शाती है कि हमने (शिवसेना) हिंदुत्व को नहीं दिया है।

सीएम ने भाजपा पर भारी पड़ते हुए यह धारणा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया कि मराठों को समायोजित करने के लिए ओबीसी कोटे में कटौती की जाएगी। "मराठा कोटे (बहाली) के लिए कानूनी लड़ाई अंतिम चरण में है। हमने मराठा कोटे को लेकर न तो लीगल टीम बदली है और न ही हमारा रुख। उन्होंने कहा, हम कानूनी लड़ाई जीतेंगे। मराठा कोटे को लागू करने पर अंतरिम रोक खाली करने की मांग वाली राज्य सरकार की पुनरीक्षण याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।उपमुख्यमंत्री अजित पवार (एनसीपी) ने भी बताया कि कोटा लागू करने पर सरकार मराठों और ओबीसी के साथ अन्याय नहीं करेगी।

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