पटना: महागठबंधन में समन्वय समिति का मामला उठाने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सुप्रीमो जीतन राम मांझी का अनुरोध भले ही अब तक पूरा न किया गया हो, लेकिन उन्होंने अपने दम पर चुनाव की तैयारियां आरंभ की जा चुकी है. भाजपा व जनता दल यूनाइटेड की तर्ज पर मांझी भी अब वर्चुअल रैली के द्वारा पार्टी नेताओं से आमना-सामना कर रहे है। पार्टी की पहली वर्चुअल रैली में उन्होंने RJD को चेतावनी देते हुए बोला कि वे नहीं चाहते कि महागठबंधन टूटे, इसलिए समन्वय समिति के मुद्दे पर फिलहाल शांत हैं। साथ ही किसी महादलित को बिहार का सीएम बनाने का मुद्दा उछाल तेजस्वी को बतौर सीएम प्रत्याशी खारिज किया जा चुका है।
समन्वय समिति की मांग करते रहे मांझी: विदित हो कि जीतनराम मांझी महागठबंधन में समन्वय समूह की मांग पर अड़ गए है। उनका कहना है कि महागठबंधन में चुनावी सीटों से लेकर सीएम चेहरा (CM Face) तक सभी बड़े निर्णय समन्वय समिति ही करे। हालांकि, RJD उनकी मांग को अनदेखा कर रहा है। RJD तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चुनावी चेहरा मान रहा है। जिसे देखते हुए मांझी की बातों के गहरे मतलब निकलते है। महादलित सीएम का मामला उठाकर वे तेजस्वी के सीएम चेहरा होने की बात को खारिज करते नज़र आ रहे है।
कहा- वे नहीं चाहते महागठबंधन में टूट: बीते दिन हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख मांझी ने पार्टी का प्रथम वर्चुअल सम्मेलन शुरू हुआ। जिसमे उनके अतिरिक्त उनके पुत्र और विधान पार्षद संतोष कुमार भी शामिल थे। मांझी ने पार्टी नेताओं की ओर से एक बार फिर समन्वय समिति का मामला उठाने पर स्पष्ट किया कि वे नहीं चाहते महागठबंधन में कोई दरार आए। इसी कारण से वे फिलहाल खामोश हैं। वक्त आने पर सबको जवाब देने वाले है।
कांग्रेस के कहने पर दिया है समय: मांझी का कहना है कि समन्वय समिति के लिए कांग्रेस के कहने पर उन्होंने वक़्त दिया है। आशा है RJD को सद्बुद्धि आ जाएगी। जहां तक उनकी बात है, वे अपनी ओर से महागठबंधन को बचाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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