नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में विपक्ष द्वारा लगातार मणिपुर पर हंगामा किया जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर एक तरफ विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि वो चर्चा के लिए तैयार है और मामले को संभाल रहे गृह मंत्री अमित शाह हर सवाल का जवाब देंगे. संसद में हंगामे को लेकर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में मणिपुर महीनों तक बंद रहा था, फिर भी उस समय के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) सदन में मुंह तक नहीं खोलते थे.
अनुराग ठाकुर ने कहा है कि मणिपुर में हिंसा पर हम पूरी संवेदनशीलता के साथ चर्चा करने को तैयार हैं. उम्मीद है कि मणिपुर गए सभी सांसद सदन में सार्थक चर्चा करेंगे, भागेंगे नहीं और सदन में अपने अनुभव को साझा करेंगे. ठाकुर ने कहा कि, कांग्रेस के शासन में मणिपुर महीनों तक बंद रहता था, सैकड़ों लोगों की हत्या हो जाती थी, लेकिन तब के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सदन में मुंह तक नहीं खोलते थे. विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि मणिपुर को लेकर इनको तो लंबा अनुभव है. इनकी सरकार के दौरान मणिपुर 6-6 महीने तक बंद रहता था, फिर सरकार कोई कदम नहीं उठाती थी. हम मणिपुर को लेकर पहले दिन से चर्चा करने को तैयार हैं. संसद सत्र शुरू होने के पहले दिन ही पीएम मोदी ने मणिपुर सहित अन्य राज्यों को लेकर बयान भी दिया और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर चिंता प्रकट की थी.
बता दें कि विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार (29 जुलाई) को दो दिनों के लिए मणिपुर गया था. प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा प्रभावित विभिन्न इलाकों का दौरा भी किया और लोगों से बातचीत कर हालात जानने की कोशिश की. दौरे के अंतिम दिन रविवार को विपक्षी सांसदों ने राज्य की गवर्नर अनुसुइया उइके से भी मुलाकात की. विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के साथ ही RJD सांसद मनोज झा, TMC सांसद सुष्मिता देव सहित कुल 21 सांसद शामिल थे.