मंगलौर ब्लास्ट केस: 5 ठिकानों पर ED के छापे, ISIS के बाद अब कांग्रेस से भी जुडे़ तार
मंगलौर ब्लास्ट केस: 5 ठिकानों पर ED के छापे, ISIS के बाद अब कांग्रेस से भी जुडे़ तार
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बैंगलोर: कर्नाटक के मंगलुरु ब्लास्ट केस में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (11 जनवरी) को बड़ी कार्रवाई की है। खबर है कि ED ने कर्नाटक के 5 ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें मुख्य आरोपी शारिक का शिवमोगा स्थित घर भी शामिल है। खास बात है कि ED की छापामार कार्रवाई में ब्लास्ट केस में कांग्रेस पार्टी का भी एंगल सामने आया है।

ED अधिकारी तीर्थहल्ली स्थिति कॉम्प्लेक्स पहुंचे। सोपा गुड्डा स्थित यह भवन शारिक के पिता का है। इसी कॉम्प्लेक्स में कांग्रेस ने भी कार्यालय किराया पर लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस का कार्यालय मंगलुरु के ऑटो रिक्शॉ ब्लास्ट के आरोपी मोहम्मद शारीक के परिवार से लीज पर लिया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक दिन पहले ही माजिन अब्दुल रहमान और और नदीम अहमद को ISIS साजिश मामले में अरेस्ट किया था।

आरोपी मोहम्मद शारिक के पिता और कांग्रेस नेता किमाने रत्नाकर के रिश्तेदार नवीन के बीच समझौता हुआ था। खबर है कि इस दफ्तर के लिए 10 हजार रुपये हर महीने किराया दिया जा रहा था। मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट जून 2023 में समाप्त हो रहा है और किमाने पहले ही 10 लाख रुपये के सिक्योरिटी डिपॉजिट लौटाने की मांग कर चुके हैं। जांच एजेंसी ने कांग्रेस नेता से भी पूछताछ की हैं। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी भी मांगी गई है, जिसके बाद रत्नाकर ने दफ्तर से जुड़े दस्तावेज पेश किए।

क्या है मंगलौर ब्लास्ट केस:-

कर्नाटक के मंगलुरु में हुए कुकर ब्लास्ट की जाँच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही है। अब तक की छानबीन में पता चला है कि आरोपित मोहम्मद शरीक एक तरफ मंगलुरु में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था, वहीं दूसरी तरफ वो आतंकी संगठन ISIS की मदद से भारत में खलीफा का शासन लागू करने की कोशिश में भी लगा हुआ था। मोहम्मद शरीक ने अपने जैसे 40 लोगों को प्रशिक्षण भी दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद शरीक शिमोगा जिले के तिर्थाली कस्बे के शोपूगुड्डे का निवासी है। छोटे से शोपूगुड्डे गाँव में महज 100 मीटर के दायरे में यहाँ 5 संदिग्ध आतंकियों का घर है। इन आतंकियों के नाम मोहम्मद शरीक, अब्दुल मतीन है, माज मुनीर, सैयद यासीन और अराफात अली बताए गए हैं। शरीक की गिरफ़्तारी के बाद इस पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। एक रिपोर्ट के अनुसार, शरीक की मौसी मीडिया से बात करते हुए बताया कि शरीक हमेशा घर की औरतों पर रोकटोक करता रहता था। उन्हें हिंदुओं से बातें नहीं करने देता था। आतंकी की मौसी ने बताया कि फरवरी 2020 में जो शिवमोगा की दीवारों पर आतंकी संगठन लश्कर और ISIS के समर्थन में नारे लिखे गए थे, उसमें शरीक और उसके साथियों की ही भूमिका थी। उस वक़्त उसके पिता ने ही शरीक को जमानत पर छुड़वाया था और उसे बेंगलुरु और उडुपी भेज दिया था।   

शरीक की मौसी का कहना है कि वहाँ से लौटने के बाद शरीक अक्सर नमाज, इबादत और अल्लाह की बातें किया करता था। पहले उसकी दाढ़ी छोटी थी, लेकिन लौटने पर उसने दाढ़ी भी बढ़ानी शुरू कर दी थी। उसे जब भी निकाह के लिए कहा जाता, तो वह हर बार एक ही जवाब देता कि, 'मेरा तो सब कुछ अल्लाह है। कुछ ऐसा करूँगा कि जन्नत में 72 हूरें मिलेंगी, वही मेरी असली दुनिया है।'

बता दें कि, मोहम्मद शरीक ने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए एक हिंदू नाम प्रेम राज हटगी का आधार कार्ड भी चोरी किया था। उसने कुकर में इतना विस्फोटक भरा हुआ था कि उससे पूरी बस उड़ाई जा सकती थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, उसके ठिकानों की छानबीन में हिंदू मंदिर और चिल्ड्रन फेस्टिवल के नक्शे बरामद हुए हैं। वहीं उसके मोबाइल में विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की वीडियो भी मिली थी। बता दें कि, कई आतंकी ये बात कह चुके हैं कि, जाकिर नाइक की वीडियो देखकर वे कट्टरपंथी बने हैं।  

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