हाल ही में जो अपराध का मामला सामने आया है उसके बारे में जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे. इस मामले में इंदौर में रहने वाली एक मासूम को उसके सगे मामा ने बेच दिया और उसकी जिंदगी मुश्किल बना दी. जी दरअसल 15 साल की इस किशोरी ने मजबूरी में उज्जैन के महाकाल मंदिर में मजदूरी की और उसी के साथ ही साथ वह उसका शोषण करने वाले युवक के कारण गर्भवती भी हो गई लेकिन उसे अपने नवजात को खोना पड़ा. वहीं इस दौरान वह इंदौर से उज्जैन होते हुए गुजरात के नडियाद तक भटकती रही और तभी एक ट्रक ड्राइवर ने भी उसका शोषण किया. इस मामले में अपनी दर्दभरी दास्तां उसने बाल कल्याण समिति सदस्यों व पुलिस कर्मियों को सुनाई.
मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता जब मां के गर्भ में थी, तभी उसके किसान पिता की मौत हो गई थी. इस मामले में किशोरी ने बताया उसके पिता की हत्या हुई थी और उसके जन्म के छह साल बाद उनकी मां की मौत हो गई. वहीं फिर वह इंदौर में अपने मामा के घर रहने लगी. जब वह 12 साल की थी तो मामा ने 15 हजार रुपये में एक 35 साल के युवक को बेच दिया. उसके बाद युवक उसे उज्जैन लेकर गया और महाकाल मंदिर परिसर में साफ-सफाई के काम में लगा दिया. वहां उसे मजदूरी में 300 रुपये रोज मिलते थे और युवक उससे 250 रुपये लेकर सिर्फ 50 रुपये खाने-पीने के लिए देता था. इसी बीच युवक ने किशोरी का कई बार शारीरिक शोषण किया और युवक और उसका पिता आए दिन उसके साथ मारपीट करते थे और जबर्दस्ती शराब पिलाते थे. पीड़िता ने बताया कि उसके शराब न पीने पर वह उसे पीटा करते थे.
इस मामले में मिली जानकारी के तहत इस दौरान पीड़िता गर्भवती हुई तो युवक उसे निवाली गांव लेकर गया और वहां पीड़िता ने सरकारी अस्पताल में एक बच्ची का जन्म दिया. वहीं पीड़िता का कहना है जिस युवक ने उसे खरीदा था, उसी ने बच्ची को मार दिया. अपने बच्चे को खोने के बाद किशोरी निवाली से भाग निकली तभी रास्ते में एक ट्रक वाले ने उसे अपनी गाड़ी में बैठाया और एक से डेढ़ माह तक घुमाता रहा. इस दौरान वह मदद के बहाने उसका शोषण करता रहा. अंत में वह किशोरी को एक दिन गुजरात के नडियाद के पास छोड़कर चला गया. अब इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और किशोरी को इंदौर के आश्रय गृह में स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है.
दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन, अब तक दर्ज की 750 FIR