कोच्ची: देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस अफसर प्रांजल पाटिल ने तिरुवनंतपुरम में सब कलेक्टर के रूप में पदभार संभाल लिया है। महाराष्ट्र के उल्हासनगर की रहने वाली प्रांजल केरल कैडर में नियुक्त होने वाली पहली दृष्टि बाधित IAS अफसर हैं। पाटिल की दृष्टि जन्म से ही कमजोर थीं, किन्तु छह साल की उम्र में उनकी दृष्टि पूरी तरह से खत्म हो गई। फिर भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और जीवन में कुछ पाने की लगन लेकर वे आगे बढ़ती रहीं।
उन्होंने अपने पहली ही कोशिश में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में 773वां रैंक हासिल किया है। प्रांजल ने मुबंई के दादर स्थित श्रीमति कमला मेहता स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है। यह स्कूल प्रांजल जैसे दिव्यांग बच्चों के लिए था। यहां पढ़ाई ब्रेल लिपि में होती थी। प्रांजल ने यहां से 10वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। फिर चंदाबाई कॉलेज से आर्ट्स में 12वीं की, जिसमें प्रांजल के 85 प्रतिशत अंक आए। बीए की पढ़ाई के लिए उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज को चुना।
ग्रैजुएशन के दौरान प्रांजल और उनके एक मित्र ने पहली बार यूपीएससी के बारे में एक लेख पढ़ा। प्रांजल ने UPSC की परीक्षा से संबंधित जानकारियां जुटानी शुरू की। उस समय प्रांजल ने किसी से जाहिर तो नहीं किया, लेकिन मन ही मन IAS बनने की ठान ली। बीए करने के बाद वह दिल्ली पहुंचीं और जेएनयू से MA की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान प्रांजल ने आंखों से अक्षम लोगों के लिए बने एक खास सॉफ्टवेयर जॉब ऐक्सेस विद स्पीच की सहायता ली।
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