मेरे दोषियों को सजा नही मिली तो मेरी आत्मा भटकती रहेगी
मेरे दोषियों को सजा नही मिली तो मेरी आत्मा भटकती रहेगी
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सागर. मध्यप्रदेश के सागर में जज दंपति पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जिला न्यायालय में पदस्थ चपरासी सूरज यादव ने अत्यहत्या कर ली व मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिला न्यायालय में पदस्थ चपरासी सूरज यादव ने सत्र न्यायाधीश बीपी मरकाम और उनकी मजिस्ट्रेट पत्नी रेखा मरकाम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. सूरज ने अपने सुसाइट नोट में दर्शाया है की किस तरह से जज दंपति उसे बुरी तरह से प्रताड़ित करते थे. सूरज ने लिखा है की में कोर्ट में अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद जज दंपति के घर पर झाड़ू पोछा व गंदे बर्तनो का धोना, कपड़े धोना करता था जब में इसके लिए मना करता था तो  यह लोग मुझे नौकरी से बर्खास्त व सीआर खराब करने की धमकी देते थे जिसके कारण में परेशान हो गया था.

हम इन लोगो के विरुद्ध शिकायत भी दर्ज नही करा सकते है क्योकि इसमें हमे ही झूठा करार दिया जाता. यह कोई मेरे साथ ही नही बल्कि सभी के साथ होता है. इसलिए में यह आत्महत्या कर रहा हु मेरे मरने के बाद इन्हे बिलकुल भी छोड़ना नही व पुलिस ने अगर मेरे इस पत्र को छुपाया तो में बहुत बनकर किसी को भी छोड़ूंगा नही. व मेरी आत्मा भटकती रहेगी. वही सूरज के परिवार वालो का कहना है की सूरज को ऑफिस के साथ साथ इनके बंगले पर भी कार्य करने के लिए जाना पड़ता था.

जिसके कारण वह परेशान था. स्थानीय लोगो व परिवार वालो ने सूरज के शव को थाने के बाहर रखकर चक्काजाम किया व  मांग की की जज दंपति के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए. पुलिस की समझाइश के बाद लोगो व परिवारवालों ने यह चक्काजाम समाप्त किया.   

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