प्यार करना पड़ा महंगा, प्रेमिका के भाई ने प्रेमी को उतारा मौत के घाट
प्यार करना पड़ा महंगा, प्रेमिका के भाई ने प्रेमी को उतारा मौत के घाट
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अगर श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े मिल सकते है तो मंदसौर जिले के हतुनिया के वासुदेव का आधा शरीर क्यों नहीं मिल सकता, माँ और भाई किराये के मकान में रहते है दो टाइम की रोटी भी बड़ी मुश्किल से नसीब होती है। शरीर का आधा हिस्सा इसीलिए नहीं मिला क्योकि वासुदेव गरीब है या वह गरीब परिवार से है या उसके परिवार जनो के पास कोई भी राजनितिक पॉवर नहीं है। क्या पुलिस और प्रशासन पर एक महिला सरपंच का पति इतना भारी पड़ रहा है की हत्यारों के कुंए पर अवैध रूप से बना हुआ मकान और गांव में बिना पट्टे के मकान को तोड़ नहीं पा रहे है? क्या 2 बीघा जमीन किराये के मकान, गरीब और लाचर लोगो पे इतना भरी पड़ रहा है? क्या वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इसीलिए मौन है क्योकि मंत्री जी उच्च वर्गीय लोगो का समर्थन करते है? मृत वासुदेव की माँ अपने बेटे के आधे शरीर की मांग का रही है पर इस बेचारी गरीब लाचार माँ की कोई सुन नहीं रहा है, वह प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगा रही है पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

यह मामला मंदसौर जिले के दलौदा तहसील का है जहां प्रेमिका के भाई ने अपनी बहन के प्रेमी को जो की मंडी में मजदूरी का काम करता था, उसे दिन दहाड़े अपने दोस्तों के साथ मिलकर बड़ी ही बेहरमी से चाकू घोप कर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी आनंद पाटीदार और उसके पिता मुकेश पाटीदार ने चार दिन बाद वासुदेव के आधे शरीर को पत्थर से बांध कर गोपाल सिंह डोडिया के कुंए में फेक दिया। लाश का आधा हिस्सा न होने पर प्रशासन ने आदेश देते हुए कहा की आधी लाश में कीड़े न पड़ने दे उसका अंतिम संस्कार कर दे, हम आधे शरीर व हत्यारो को नहीं बख्शेंगे। 

वासुदेव की माँ का कहना है की घर का मकान नहीं है किसी पाटीदार के यहां वह किराए से रहती है। दौलदा के थाना प्रभारी लड़के को कही पर नौकरी,मजदूरी करने को कह रहे है। हतुनिया गांव के सरपंच के पति पुलिस द्वारा पत्र भेजे जाने पर भी प्रशासन को कोई सहयोग नहीं कर रहे है वह आरोपियों के परिवार को सहयोग कर रहे है कुछ इस तरह के आरोप गोपाल पाटीदार पर लगे हुए है। आरोपी आनंद पाटीदार के पिता मुकेश पाटीदार के अवैध मकान को इसीलिए नहीं गिरा पा रहे  है क्योकि आरोपी के परिवार का सम्बन्ध उच्चे परिवार से है और पीड़ित के परिवार की कोई उच्ची पहुंच नहीं है। 

परिजनों का कहना है की आरोपियों और हत्यारो में से सिर्फ एक आरोपी सहयोगी क्रिश राव पिता महेश राव का ही मकान गिराया गया, दूसरे आरोपी दीपक पिता ईश्वरलाल मालवीय लमगरा और मुख्य आरोपी जिसने वासुदेव के सीने और शरीर में 10 से 8 बार चाकू से वार किया, यही नहीं बेहरमी से शरीर के 2 टुकड़े भी कर दिए, आरोपी के पिता खुद ही चार दिन बाद लाश को कुंए में डाल कर आये और परिजनों से कहता रहा की वासुदेव मिल जायेगा। आरोपियों को हतुनिया के सरपंच पति गोपाल पाटीदार बचा रहे है ऐसा कहना वासुदेव के परिजनों का है। थाना प्रभारी का कहना है की सरपंच के घर पत्र भिजवा दिया गया पर वह किसी भी प्रकार से सहयोग नहीं कर रहे है। वासुदेव व उस के परिवार को न्याय कब मिलेगा? 

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