बेंगलूर: कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें न्यायाधीश एच.पी. संदेश को स्थानांतरित करने की धमकी की जांच की मांग की गई है।
शनिवार को हाईकोर्ट में उस जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसे अटॉर्नी रमेश एल नायक ने दायर किया था। याचिका में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और राज्य सरकार के मुख्य सचिव पक्षकार हैं।
यह सुझाव देता है कि एक विशेष विंग न्यायमूर्ति संदेश के खिलाफ खतरे की जांच करती है और उचित सुरक्षा कवरेज प्रदान करती है। याचिका में सरकार को जस्टिस संदेश को "वाई," "वाई प्लस," "जेड" या "जेड प्लस" सुरक्षा कवर देने को ध्यान में रखने के लिए राजी किया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस तरह की धमकियों के मद्देनजर, न्यायाधीश निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर पाएंगे।
इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। याचिका में कहा गया है कि यह कार्रवाई न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा के संदर्भ में की जानी चाहिए और न्यायपालिका में लोगों के बीच अधिक विश्वास पैदा करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
न्यायमूर्ति एच पी संदेश ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में नियुक्तियों के संबंध में सत्तारूढ़ भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उनकी रैपिंग के बाद, एसीबी के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के आरोप में बैंगलोर शहरी डीसी को हिरासत में ले लिया।
जस्टिस संदेश के मुताबिक हाईकोर्ट के एक जज ने उन्हें ट्रांसफर करने की धमकी दी, लेकिन वह इस बात को लेकर बेफिक्र हैं। उन्होंने कहा कि दबाव में आने के बजाय, वह अपनी जमीन पर लौटने और खेती फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं।
देश में मंकीपॉक्स की दस्तक के बाद अलर्ट हुई दिल्ली सरकार, LNJP अस्पताल को दिए अहम निर्देश
दिल्ली में सुहावना हुआ मौसम, बारिश से तापमान में आई गिरावट
पुष्पा: द राइज ने जीता फैंस का दिल, हासिल किए इतने मिलियन व्यूज