नई दिल्ली : देश की राजधानी में एक और अनशन वाले पुरुष का जन्म हुआ है, लेकिन ये कोई नेता नहीं बल्कि जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के छात्र है। 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में हुए देश विरोधी कृत्य के खिलाफ जेएनयू प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध के लिए कन्हैया कुमार आज आमरण अनशन पर बैठेंगे।
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ रामा नागा, अनिर्बान भट्टाचार्य और उमर खालिद समेत यूनिवर्सिटी के कई छात्र भी अनशन पर बैठेंगे। छात्र इससे पहले गंगा ढाबा से विश्वविद्दालय के एडमिन ब्लॉक तक प्रोटेस्ट मार्च निकालेंगे।
इस मामले में कन्हैया का कहना है कि जिस उच्च स्तरीय कमेटी ने हमें सजा सुनाई है, उसे हमने स्थापना के दिन ही खारिज कर दिया था। लोकतंत्र और पक्षपात के कारण खारिज किए गए पैनल द्वारा दंड को स्वीकार करने को औचित्य ही नहीं है।
छात्र इस बात पर अड़े हुए है कि वो न तो हॉस्टल का कमरा खाली करेंगे और न ही जुर्माना भरेंगे। बता दें कि देश विरोधी नारा लगाने के आरोप में प्रशासन ने कन्हैया पर 10,000 का जुर्माना, खालिद पर 20,000 का जुर्माना व एक सेमेस्टर से निलंबित किया गया है।
जेएनयू की पांच सदस्यीय कमेटी ने कन्हैया, उमर समेत कुल 21 छात्रों को अनुशासनहीनता का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई थी। इसमें से अनिर्बान भट्टाचार्य को 15 जुलाई के लिए कस्टिकेट किया गया है व अगले पांच साल तक जेएनयू के किसी भी कोर्स में वो दाखिला नहीं ले पाएंगे।