नई दिल्ली: देश में एक मई से कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण आरंभ हो रहा है. किन्तु पंजाब यूनिवर्सिटी में पूर्व डीन और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने ये वैक्सीन लेने से साफ इन्कार कर दिया है. उन्होंने पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर न सिर्फ इसका कारण बताया है, बल्कि अपनी मांग भी रखी है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि करीब 74 वर्ष की आयु में मुझे कोरोना के लिए टीकाकरण की जरुरत है, क्योंकि यह चिकित्सकीय रूप से उचित है. हालांकि मुझे व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से कुछ आपत्ति है जो कि पंजाब (भारत) के नागरिक के रूप में और एक विश्व नागरिक के रूप में है. इसके कारण मैंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है और मैं अभी भी अनिच्छुक हूं. इसके कारण मैं यहां बताना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि टीकाकरण से हजारों लोगों की जान बचाने पर ध्यान दिया जाएगा. किन्तु इसे न लेने की मेरी पहली बड़ी वजह टीकाकरण के साथ जारी वो प्रमाण पत्र है, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर को जबरदस्ती और अनिवार्य रूप से लगाया गया है.
उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी अन्य देश में टीकाकरण प्रमाण पत्र पर किसी भी सियासी नेता की तस्वीर नहीं है. ये एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसमें संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य या चिकित्सा अधिकारी के दस्तखत और मुहर होना चाहिए. भारत में हम असहाय नागरिकों को सत्तासीन नेता की तस्वीर के साथ प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. इसकी मैं निंदा करता हूं. यदि देखा जाए तो सत्तासीन दल की नीतियां और आपराधिक लापरवाही कोरोना मौतों के सबसे खराब विस्फोट की वजह बना है. खासकर कोविड-19 की दूसरी लहर में ऐसा साफ नज़र आ रहा है.
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