रांची: झारखंड में स्कूल फीस वृद्धि मामले को लेकर राज्य की सोरेन सरकार का बड़ा फैसला आया है. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में स्कूल में कोई फीस वृद्धि शुल्क जमा नहीं किया जाएगा. नामांकन प्रक्रिया को भी निरस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था की सुविधा से किसी भी स्टूडेंट को वंचित नहीं किया जाएगा.
इतना ही नहीं विद्यालय बंद रहने की मियाद तक किसी भी तरह का वार्षिक शुल्क और यातायात शुल्क या अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा. वही झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि स्कूल फीस और अभिभावक संघ की मांग पर शिक्षा विभाग ने जो फैसला लिया है वह, सराहनीय फैसला है. उन्होंने कहा कि यह फैसला अभिभावकों के हित को देखते हुए लिया गया है. सरकार बहूत ही संवेदनशील है. इससे अभिभावकों को भी राहत मिलेगी और इस पुल पर भी भार नहीं पड़ेगा, मगर विपक्ष की जो मांग है, उसे सरकार और स्कूल प्रबंधन किस तरह पूरा कर पाएगी, विपक्ष को यह सोचना चाहिए.
वहीं भाजपा प्रवक्ता दीनदयाल वर्णवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि अभिभावक संघ लगातार यह मांग कर रही थी कि स्कूल फीस को माफ किया जाए, मगर सरकार ने जो फ़ैसला लिया है उस बारे में विचार करना चाहिए. ट्यूशन फ़ीस सरकार को वहन करना चाहिए था किन्तु सरकार उतनी संवेदनशील नज़र नहीं आ रही है.
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