बीते दिनों सपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार पर जदयू का हमला जारी है. दो दिन पूर्व भाजपा को गठबंधन धर्म सीखने की नसीहत देने के बाद पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधानसभा चुनावों में लगातार हार और सहयोगियों के बाहर जाने से राजग के अस्तित्व पर सवाल उठ रहे हैं.
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इस हार के बाद पार्टी ने भाजपा आलकामान के रवैये पर सवाल उठाया और झारखंड में भाजपा की हार के लिए आदिवासी बाहुल्य सूबे में गैरआदिवासी को सीएम बनाने के फैसले और आदिवासी विरोधी नीतियां लागू करने को जिम्मेदार ठहराया. पार्टी ने कहा कि कई दलों के राजग में संवादहीनता और समन्वय स्थापित करने की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा.
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अपने बयान में पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव परिणाम के बाद जिस प्रकार सहयोगी अलग हुए हैं, उससे राजग के अस्तित्व पर सवाल उठ रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने अपने सबसे पुराने सहयोगी शिवसेना को खोया. झारखंड चुनाव के दौरान आजसू ने राजग का दामन छोड़ा. लोजपा को इस सूबे में पूछा ही नहीं गया.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अकाली दल और जदयू लगातार राजग में स्थिति ठीक करने का सवाल उठा रहे हैं. समन्यव स्थापित करने और संवादहीनता कम करने की लगातार मांग हो रही है. मगर सालों बाद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. इस कारण भाजपा आलाकमान के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं.झारखंड में हार के लिए भी त्यागी ने खुद भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि आदिवासी राज्य में गैरआदिवासी सीएम बनाना, राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के खिलाफ नीतियां बनाना और उसे लागू करना. इसके बाद आजसू से गठबंधन न करना भाजपा की हार के मुख्य कारण थे.
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