नई दिल्ली : हरियाणा से पकड़ाया खूंखार आतंकी संगठन ISIS का संदिग्ध मूक बधिर होने के बाद भी कैसे जासूसी करता था, यह बात खुफिया एजेंसियों के गले नही उत्तर रही है. अंबाला शहर से गिरफ्तार हुआ संदिग्ध पूर्ण रूप से मूक बधिर है. वह न तो सुन सकता है और न ही बोल सकता है. उसे पढ़ना लिखना भी नहीं आता. ऐसे में वाल उठ रहा है कि वह जासूसी का काम कैसे करता था.
पुलिस और खुफिया एजेंसियों का कहना है की के संदिग्ध पिछले 10 साल से राजकोट के साईं मंदिर के बाहर भीख मांगता था. वह राजकोट में ही रेलवे के खंडहर बन चुके एक क्वॉर्टर में रह रहा था. एजेंसियों को जानकारी मिली थी की संदिग्ध का अहमदाबाद में रहने वाले ISIS के एक गुर्गे के साथ संबंध था. अभी तक उस गुर्गे का नाम सामने नहीं आया है.
खुफिया एजेंसियों ने राजकोट रेलवे स्टेशन के आस पास के काम करने वालों और वहां दुकान चलाने वालों से भी संदिग्ध के बारे में पूछताछ की. उन्होंने बताया कि संदिग्ध का नाम असलम है और वह साईं मंदिर के पास भीख मांगने का काम करता था. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां जाँच कर रही है की संदिग्ध आखिर किस प्रकार से जासूसी करता था. और उसका आईएसआईएस के साथ क्या रिश्ता है. कौन है जो उसके सम्पर्क में था.