नई दिल्ली: गत माह भारत सरकार ने देश में पोर्न वेबसाइट्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. इन वेबसाइट्स की संख्या लगभग 827 बताई गई थी. हालांकि सरकार की ये कवायद बिलकुल भी कारगर नहीं रही. वेबसाइटों का एनालिटिकल डेटा तो यही दर्शा रहा है. यहां तक कि पिछले कुछ महीनों में इंटरनेट पर पोर्न देखने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है.
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पोर्न वेबसाइट्स का ये ट्रैफिक अन्य साइट्स पर भी बढ़ रहा है. इसके अलावा प्राक्सी सर्वर का उपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है. 59 ऐसी वेबसाइट सामने आई है, जिसका डेटा दूसरी वेबसाइट्स ने साझा किया है. वहां जनवरी से अक्टूबर तक इन साइट्स को 1.7 बिलीयन बार देखा जा चुका है. नवंबर और दिसंबर में ये आंकड़ा 0.8 बिलीयन कम दर्ज किया गया था. उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा 441 वेबसाइट्स को बैन नहीं किया गया है. इन वेबसाइट्स को प्रत्येक माह एवरेज 0.6 बिलीयन विजिट प्राप्त हुए हैं.
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आपको बता दें कि साल 2018 के अक्टूबर में ये प्रतिबन्ध लगाया गया था. ये प्रतिबन्ध उत्तराखंड हाइकोर्ट के ऑर्डर से लगा था. इन वेबसाइट्स में Xnxx, Xvideos and Pornhub जैसी कई वेबसाइट्स का नाम शामिल थीं. हालांकि यूजर्स ने वीपीएन और प्राक्सी नेटवर्क की सहायता से इन वेबसाइट्स पर भी विजिट कर लिया है. kproxy.com की सहायता से लोग इन सभी साइट्स पर भी विजिट करते रहे हैं. इस बीच कई टर्म्स सर्च में पकड़ी गईं जिनमें porn proxy, porn site proxy और porn vpn जैसे टूल्स शामिल थे.
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