हार्ट आॅफ एशिया में मिलेंगे भारत-पाकिस्तान के दिल
हार्ट आॅफ एशिया में मिलेंगे भारत-पाकिस्तान के दिल
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नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच पठानकोट हमले की जांच के बाद से तल्खी बढ़ गई। यूं तो इस हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का हमले में हाथ होने की बात कही लेकिन इसके बाद भी दोनों देशों की ओर से जांच कार्रवाई के समन्वित प्रयास किए गए। जिसमें पाकिस्तान ने अपने संयुक्त जांच दल को भारत में हुए हमले की जांच के लिए भेज दिया। मगर इसके बाद भी पाकिस्तान ने हमले के सबूतों को नकार दिया। मगर अब पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी मंगलवार को भारत आ रहे हैं। 

माना जा रहा है कि एजाज अहमद की भारत यात्रा से कुछ उम्मीद बंधी है। दरअसल वे हार्ट आॅफ एशिया काॅन्फ्रेंस में भागीदारी करेंगे। जिसमें यूएस, चीन, रूस, अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान आदि एशियाई देशों के विदेश सचिव भागीदारी करेंगे। ऐसे में भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच पठानकोट हमले की जांच को लेकर चर्चा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने भारतीय दल को पाकिस्तान आकर जांच करने से रोक दिया था जिसके बाद इस मामले में दोनों ही देशों के संबंध बिगड़ गए थे।

दूसरी ओर भारत की सीमा पर पाकिस्तान की ओर से फायरिंग होती रही और सीज़ फायर का उल्लंघन होता रहा। जबकि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान से कोई भी चर्चा तभी होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद और सीमा पार से होने वाली फायरिंग को रोकेगा लेकिन फिर से पठानकोट हमले पर पाकिस्तान के दोहरे रवैये और सीज़फायर के उल्लंघन से भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की चर्चा में कुछ खटास आना स्वाभाविक है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दबाव में आकर चीन ने आतंकी मौलाना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर वीटो ले लिया और इस प्रस्ताव का विरोध किया। ऐसे में भारत दोनों ही देशों के सामने अपना पक्ष रख सकता है। उल्ेखनीय है कि दोनों ही देशों के बीच अगस्त वर्ष 2015 में बाइलेट्रेल टाॅक आयोजित की जाना था मगर इस दौरान पाकिस्तान के हाईकमिश्नर अब्दुल बासित ने जोर दिया था कि वार्ता में अलगाववादियों को शामिल किया जाए लेकिन इसके बाद अलगावादियों को 

पकड़ लिया गया और उन्हें मिलने नहीं दिया गया। दूसरी ओर पाकिस्तान और भारत दोनों ही देशों ने अपने - अपने पक्ष से वार्ता को समाप्त कर दिया था। इसके बाद 17 मार्च को सार्क वार्ता के दौरान भी दोनों देशों के विदेश सचिवों की भेंट हुई थी। यही नहीं 4 मार्च 2015 को भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर भी पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका द्वारा भारत से दोनों देशों के रिश्ते सुधारे जाने की पहल किए जाने पर 25 दिसंबर 2015 को पाकिस्तान गए थे। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिवस की शुभकामनाऐं दी थीं। इससे दोनों देशों के रिश्ते कुछ ठीक हुए थे। 

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