उत्तर प्रदेश में किसान जल समाधी को मजबूर
उत्तर प्रदेश में किसान जल समाधी को मजबूर
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बांदा: किसानों की बदहाली देश के हर हिस्से में जारी है, अब उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड़ में दो सप्ताह से अपनी मांगों के समर्थन में धरना दे रहे किसानों ने शुक्रवार को केन नदी में जल सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया और कुछ किसानों ने जल समाधि की भी कोशिश की, लेकिन प्रशासन की तरफ से तैनात गोताखोरों ने उन्हें बचा लिया.

अपर जिलाधिकारी गंगाराम गुप्ता ने बताया, "पिछले दो सप्ताह से जिला मुख्यालय बांदा के अशोक लॉट तिराहे पर धरना दे रहे किसान बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा की अगुआई में करीब 50 से ज्यादा महिला और पुरुष किसान केन नदी की जलधारा में उतरकर करीब डेढ़ घंटे तक जल सत्याग्रह शुरू किए रहे, कुछ किसान गहरी धारा में उतरकर जल समाधि करने की कोशिश भी की. लेकिन प्रशासन द्वारा तैनात गोताखोरों और पुलिस ने उन्हें बचा लिया." 


उधर किसान नेता विमल शर्मा ने आरोप लगाया, "जिला प्रशासन हठधर्मी पर उतारू है, दो सप्ताह के आंदोलन व धरने के दौरान किसी जिम्मेदार अधिकारी ने किसानों से वार्ता तक करने की जरूरत नहीं समझी." उन्होंने किसानों की मांगों के बारे में कहा, "ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ी बिजली दर वापस लें, पांच हेक्टेयर भूमि तक के किसानों को लघु सीमांत की श्रेणी में शामिल करने और बुंदेलखंड के सभी श्रेणी के किसानों का सभी प्रकार का कर्ज माफ करने के अलावा आवारा मवेशियों (अन्ना मवेशी) का ठौर-ठिकाना सरकारी स्तर पर बनाया जाए, ताकि फसलें सुरक्षित रह सकें." शर्मा ने कहा कि किसानों के इस जल सत्याग्रह में महिला किसानों का हौसला देखने लायक था. 

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