'370 हटाई तो कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा..', कश्मीर में अमित शाह ने याद दिलाया महबूबा का बयान
'370 हटाई तो कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा..', कश्मीर में अमित शाह ने याद दिलाया महबूबा का बयान
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की 2017 में की गई टिप्पणी को याद करते हुए कि अगर धारा 370 हटा दी गई तो "कश्मीर में तिरंगे को कंधा देने वाला कोई नहीं होगा", केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के अध्यक्ष को समझना चाहिए कि तिरंगा अमर है और हमेशा रहेगा।

जम्मू के पलौरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, ''अब किसी में पाकिस्तान के लिए नारे लगाने की हिम्मत नहीं है। सिर्फ 'भारत माता की जय' के नारे सुनाई देते हैं। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि अगर धारा 370 हटाई गई, तो तिरंगे को कंधा देने वाला कोई नहीं बचेगा। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि यह तिरंगा अमर है और हमेशा रहेगा। अमित शाह ने आगे कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में युवाओं के हाथों में पत्थर नहीं बल्कि लैपटॉप हैं।  

अमित शाह ने कहा कि, "पीएम मोदी की 10 साल की सरकार में अगर किसी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो हैं जम्मू-कश्मीर के भाई-बहन। एक समय था जब पत्थरबाजी, धमाके और धारा 370 का 'मनहूस साया' जम्मू कश्मीर पर मंडराता था। आज, इसे ख़त्म कर दिया गया है। युवाओं के हाथों में पत्थरों की जगह लैपटॉप हैं।” उन्होंने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने गुज्जर, पहाड़ी, बकरवाल, ओबीसी, दलितों और महिलाओं को आरक्षण दिया है।" 

उधमपुर में 19 अप्रैल, जम्मू में 26 अप्रैल, अनंतनाग-राजौरी में 7 मई, श्रीनगर में 13 मई और बारामूला में 20 मई को वोटिंग होगी। पहले जम्मू-कश्मीर के लिए छह सीटें थीं, जिनमें लद्दाख भी शामिल था। लेकिन, संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद, लद्दाख में कोई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र नहीं है। 2019 के चुनावों में, भाजपा ने तीन सीटें जीतीं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अन्य तीन सीटें जीतीं। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह पहला चुनाव है, जिसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो संघों में विभाजित करने के संसद के फैसले को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत ने भारत के चुनाव आयोग से 30 सितंबर, 2024 से पहले जम्मू-कश्मीर में अगला विधानसभा चुनाव कराने को भी कहा था।

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