'मैं लिखकर दे रहा हूं, अब नहीं आएगी मोदी सरकार', सत्यपाल मलिक का बड़ा बयान
'मैं लिखकर दे रहा हूं, अब नहीं आएगी मोदी सरकार', सत्यपाल मलिक का बड़ा बयान
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जम्मू: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से चर्चा की। 28 मिनट की इस चर्चा में राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक से पुलवामा, किसान आंदोलन, MSP, जातिगत जनगणना, मणिपुर में हिंसा सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा की। चर्चा के चलते सत्यपाल मलिक ने कहा, ''चुनाव में केवल 6 महीने रह गए हैं। मैं लिखकर दे रहा हूं कि ये (मोदी सरकार) अब नहीं आएगी।'' सत्यपाल मलिक ने कहा, मेरी राय है कि वहां (जम्मू कश्मीर) के लोगों को जबरदस्ती या फोर्स से ठीक नहीं कर सकते। वहां के लोगों को जीतकर आप कुछ भी कर सकते हैं। मैंने उन लोगों को भरोसा में लिया। मलिक ने कहा, मुझे लगता है कि उनके प्रदेश के दर्जे को वापस करना चाहिए। इन्होंने आर्टिकल 370 वापस लेकर केंद्र शासित राज्य बनाया। इन्हें डर था कि कहीं प्रदेश की पुलिस विद्रोह न कर दे। मगर जम्मू कश्मीर की पुलिस ने हमेशा केंद्र सरकार का साथ दिया। अमित शाह का वादा है कि वे प्रदेश का दर्जा वापस करेंगे। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए तथा वहां चुनाव कराने चाहिए। 

सत्यपाल मलिक ने कहा, पता नहीं क्यों ये लोग प्रदेश का दर्जा वापस नहीं कर रहे। मेरी बात हुई थी, मैंने कहा था कि प्रदेश का दर्जा वापस करना चाहिए। मुझसे कहा गया कि कह तो दिया है, करने की क्या आवश्यकता है। चल तो रहा है सब ठीक। उन्होंने कहा, लेकिन कहां सब ठीक चल रहा है। आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं। आतंकी एक्टिव हो गए हैं। राजौरी में रोज कुछ न कुछ होता है। राहुल गांधी ने जब पुलवामा हमले को लेकर सवाल पूछा तो सत्यपाल मलिक ने कहा, पुलवामा हमले को लेकर मैं ये तो नहीं बोलूंगा कि इन्होंने कराया, मगर मैं ये अवश्य कहूंगा कि इन्होंने उसे इग्नोर किया तथा उसका राजनीतिक उपयोग किया। इनके बयान हैं कि जब वोट देने जाओ, तो पुलवामा की शहादत याद रखना। इस के चलते राहुल गांधी ने बताया कि जब एयरपोर्ट पर शहीदों के पार्थिव शरीर लाए गए, तो मुझे कमरे में बंद कर दिया गया था। मैं लड़कर वहां से निकला।

सत्यपाल मलिक ने कहा, प्रधानमंत्री को श्रीनगर जाना चाहिए था। राजनाथ सिंह वहां आए थे। मैं वहां था। हमने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, जिस दिन ये हुआ, ये (प्रधानमंत्री मोदी) नेशनल कार्बेट में शूटिंग कर रहे थे। तो मैंने इनसे बात करने का प्रयास किया, मगर बात नहीं हुई। 5-6 बजे उनका कॉल आया, क्या हुआ? मैंने घटना के बारे में बताया। मैंने कहा, हमारी गलती से इतने लोग मर गए हैं। तब उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) ने मुझसे कहा कि आपको कुछ नहीं बोलना है। तत्पश्चात, मेरे पास डोभाल का फोन आया, उन्होंने कहा, आपको कुछ नहीं बोलना है। मैंने कहा ठीक है।।। जांच करानी होगी, शायद उसपर असर होगा। उसमें कुछ नहीं हुआ, न ही होना है। 

सत्यपाल मलिक ने कहा, CRPF ने गृह मंत्रालय से 5 एयरक्राफ्ट मांगे थे। 4 महीने तक आवेदन गृह मंत्रालय के पास रही। बाद में उन्होंने खारिज कर दिया। ये 4 महीने तक लटकाए रहे। यदि मेरे पास आती, तो मैं कुछ करता। ये इनपुट था कि अटैक हो सकता है। जो गाड़ी टकराई थी, वह विस्फोटक से भरी हुई 10 दिन से पूरे में घूम रही थी। राहुल ने चर्चा में कहा कि मुझे लगता है कि भारत की राजनीति में दो विचारधारा की लड़ाई है, एक गांधीवादी और दूसरी RSS की। दोनों हिंदुत्व के विजन हैं। एक अहिंसा और भाईचारे की विचारधारा है। दूसरी नफरत और अहिंसा की।।।इस बारे में आपका क्या कहना है?

इस सवाल के जवाब में सत्यपाल मलिक ने कहा, मेरा ये सोचना है कि हिंदुस्तान देश के तौर पर तभी सर्वाइव करेगा, जब लिबरल हिंदुज्म के मार्ग पर चलेगा। ये गांधी का विजन था। वे गांव गांव गए थे। तब इस विजन पर पहुंचे थे। यदि इसी विचारधारा पर देश चलेगा, तभी चल पाएगा, नहीं तो टुकड़े हो जाएगा। हमें मिल-जुल कर बिना लड़ाई झगड़े के रहना होगा। सत्यपाल मलिक ने कहा, मेरी राय ये है कि अपने लोगों में गांधी और कांग्रेस का विजन प्रसारित हो। लोगों को पता चले कि हम उनसे कितना अलग हैं। भारत में कोई भी व्यक्ति राजनीति में एक्टिव है, वह अपने तक एक्टिव है, वह देश के बारे में नहीं सोचता। देश के बारे में राय नहीं बनाता। उसको प्रसारित नहीं करता। मलिक ने कहा, एक अच्छी बात ये है कि लोगों ने टेलीविज़न देखना बंद कर दिया है। हमारे पास अब सोशल मीडिया का माध्यम है। मगर ये लोग उस पर भी लगाम लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर राहुल गांधी ने कहा, मेरे यूट्यूब अकाउंट को दबा रखा है। 

राहुल ने कहा, जब भी सरकार पर कोई प्रेशर आता है, ये कुछ न कुछ निकाल देते हैं। जब मैंने गौतम अडानी पर चर्चा की, तो पहले टेलीविज़न बंद कर दी, फिर मुझे संसद से निकाल दिया। फिर स्पेशल सेशन की बात हुई, तो उसमें भारत तथा इंडिया पर चर्चा की बात हुई। लास्ट में ये लोग महिला आरक्षण बिल लाए। वह भी अभी नहीं 10 वर्ष पश्चात् आएगा। चाहें पुलवामा हो, महिलाओं का मुद्दा हो, इनके पास चर्चा को भटकाने का अच्छा तरीका है।  इस पर सत्यपाल मलिक ने कहा, ये किसी भी चीज का इवेंट बना देते हैं। फिर अपने पक्ष में फायदा उठाते हैं। महिला आरक्षण बिल का भी यही किया। महिलाओं को कुछ मिलना नहीं है, लेकिन इस प्रकार से दिखा दिया कि न जाने कितना बड़ा काम करा दिया। मलिक ने कहा, नई इमारत की कोई आवश्यकता नहीं थी। मगर इन्हें (प्रधानमंत्री मोदी) को अपना पत्थर लगाना था कि इन्होंने बनवाई है। वो पुरानी इमारत तो अभी भी कई वर्ष तक चलती। 

राहुल ने कहा कि जब आपने पुलवामा और किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया तो आपको धमकाया गया, CBI आदि से। इस पर मलिक ने कहा, ''कानून ये है कि जो शिकायतकर्ता होता है, उसे सजा नहीं दी जा सकती। मैंने शिकायत की जिनकी, उनकी पूछताछ नहीं हुई, तहकीकात नहीं हुई, मुझसे पूछताछ के लिए तीन तीन बार आ गए। मैंने कहा, तुम कुछ भी कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। मैं फकीर हूं, मेरे पास कुछ नहीं है। बात में तंग आकर कहा कि साहब हम तो नौकरी कर रहे हैं। उनकी भी मजबूरी है।''

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