बोतल बम फेंक कर सरेआम हुई हिन्दू नेता की हत्या,  परिवार बोला- 'पुलिस पर भरोसा नहीं, हो CBI जाँच'
बोतल बम फेंक कर सरेआम हुई हिन्दू नेता की हत्या, परिवार बोला- 'पुलिस पर भरोसा नहीं, हो CBI जाँच'
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रांची: शनिवार (12 नवम्बर, 2022) को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में हिन्दू नेता कमलदेव गिरी का बोतल बम फेंक कर क़त्ल कर दिया गया था। उनके क़त्ल के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए थे। शहर में पथराव एवं तोड़फोड़ भी हुआ था। आक्रोशित समर्थक उनके शव को उठाने नहीं दे रहे थे। बहुत मान-मनव्वल के पश्चात् उनका अंतिम संस्कार हो पाया था। मगर, उनके परिवार और आक्रोशित समाज से किए गए सरकारी वादे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इसी के साथ मृतक का परिवार निरंतर अनशन पर बैठा है। उनके भाई फूलननाथ गिरी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि हत्या के पश्चात् अब तक कुल 9 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं। इन अपराधियों में 7 मुस्लिम और 2 हिन्दू हैं। इसमें अब तक हाशिम, शकीर, रकीब, जाहिद, शहनवाज एवं अभिषेक के नाम प्रकाश में आए हैं। फूलननाथ ने इस पूरी घटना के पीछे स्थानीय झामुमो विधायक सुखराम उराँव के षड्यंत्र बताते हुए कहा कि पुलिस में उन्हें गिरफ्तार करने का साहस नहीं है। आगे बताया गया कि अभी तक किसी भी अपराधी की जमानत नहीं हो पाई है, हालाँकि सभी अपराधियों ने जमानत अर्जी दाखिल की है।

फूलननाथ के अनुसार, सरकारी अधिवक्ता होने के बाद भी वो अपना खुद का अधिवक्ता भी खड़ा कर के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कोशिश करेंगे। मीडिया से चर्चा के दौरान मृतक के भाई फूलननाथ रोने लगे। रोते हुए उन्होंने बताया कि भाई की हत्या के लगभग 10 दिनों पश्चात् ही उन सभी ने मामले की CBI जाँच और अपराधियों का नार्को करवाने की माँग की, जिसको स्थानीय स्तर पर नहीं माना गया। उन्होंने बताया कि जब उनकी माँग नहीं मानी गई तब उन्होंने अपने परिवार के साथ अनशन की घोषणा की। जहाँ भी उन्होंने अनशन की जगह माँगी, वहीं पर धारा 144 लागू होने की चेतावनी देते हुए स्थानीय प्रशासन ने मना कर दिया। आखिरकार, उन्होंने अपने घर के बगल उस जगह अनशन आरम्भ किया, जहाँ उनके भाई जनसेवा का कार्य किया करते थे। CBI जाँच की माँग का कारण पूछने पर पीड़ित परिवार ने बताया कि स्थानीय विधायक सुखराव उराँव की सलिप्तता झारखंड पुलिस कभी चाह कर भी सामने नहीं ला सकती है। बकौल फूलननाथ, उनके अनशन के निरंतर चलने के बाद भी सत्ता पक्ष से कोई उनसे बात भी करने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि भाई का शव उठाने के चलते प्रशासन ने मुआवजा और नौकरी जैसी माँगों पर गंभीरतापूर्वक विचार का भरोसा दिया था, किन्तु अब तक एक भी प्रशासनिक अफसर इस बाबत बात भी करने उनके घर नहीं आया।

फूलननाथ ने बताया, उनके अनशन में उनके घरवालों के अतिरिक्त शुभचिंतक भी जमा होते हैं। उन्होंने बताया कि बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता उनके परिवार का हाल-चाल ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमसे बात करने के चलते फूलनदेव गिरी अपने भाई के लिए आयोजित एक कैंडिल मार्च में थे। उस कैंडिल मार्च में कमलदेव के हत्यारों को फाँसी दो फाँसी दो का नारा साफ सुनाई दे रहा था।” फूलननाथ ने बताया, उनके भाई के लिए न्याय की माँग वाले धरने में सम्मिलित होने वाले एक शुभचिंतक को नज्जू अंसारी नाम के एक व्यक्ति ने धमकी दी है। सुरक्षा कारणों से अपने शुभचिंतक का नाम बताने से मना करते हुए फूलननाथ ने कहा कि उनके भाई कमलदेव की हत्या के पश्चात् तमाम लोग डरे हुए हैं। फूलननाथ के मुताबिक, धमकी देने वाला नज्जू अंसारी झामुमो विधायक सुखराव उराँव का बहुत खास है तथा उनके सभी गलत काम संचालित करता है। हालाँकि, पुलिस के बस का कुछ ही न होना बताते हुए मृतक कमलदेव के भाई ने कहा कि इसी वजह से इस धमकी की शिकायत नहीं दर्ज करवाई गई।

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