सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल यानी (कैट) के निर्णय के खिलाफ मामला कोर्ट में पहुंच गया है. पंजाब सरकार और यूपीएससी ने मिलकर सुनवाई 13 अगस्त से पहले करवाने की मांग की है. इस मांग को लेकर डीजीपी (ह्यूमन राइट्स) मोहम्मद मुस्तफा की अर्जी पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने वादी पक्ष को 22 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
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कोर्ट में दो जजों की खंडपीठ ने इस मामले पर जवाब तलब किया है. जिसमें जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस संत प्रकाश शामिल है. जजों ने यूपीएससी से भी इस पूरे मामले को लेकर जवाब तलब किया हैं. हाईकोर्ट ने यूपीएससी को निर्देश दिए हैं कि वह मामले की अगली सुनवाई पर डीजीपी हेड ऑफ स्टेट के पद पर नियुक्ति के दौरान जिन अधिकारियों के नामों पर गौर किया गया था, उन सभी की मैरिट का चार्ट बनाकर सौंपे.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि गाइड लाइन 2009 के तहत कई बिंदुओं पर जवाब मांगा किया है. जिसमें तय है कि देश के अन्य राज्यों में इस पद पर नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है. क्या यूपीएससी ड्राफ्ट गाइडलाइन.2009 के तहत राज्य सरकारों से योग्य अधिकारियों की सूची मांगती है या इसे राज्य सरकार के विवेक पर छोड़ देती है. हाईकोर्ट ने ऐसी सभी जानकारियों अगली सुनवाई पर सीलबंद लिफाफे में देने के आदेश दिए हैं. वही, कैट ने 17 जनवरी को पंजाब के डीजीपी हेड ऑफ पुलिस फोर्स के पद पर दिनकर गुप्ता की नियुक्ति रद्द कर दी थी, जिसके खिलाफ पंजाब सरकार और यूपीएससी ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर कैट के फैसले को चुनौती दे दी थी. हाईकोर्ट ने कैट के फैसले पर रोक लगा दी थी. इस मामले में अभी बहस जारी है.
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