प्रकाश सिंह जांच कमेटी: रिपोर्ट का दूसरा भाग लेने से हरियाणा सरकार का इंकार
प्रकाश सिंह जांच कमेटी: रिपोर्ट का दूसरा भाग लेने से हरियाणा सरकार का इंकार
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चंडीगढ़ : पिछले फरवरी माह में हरियाणा में हुए जाट आंदोलन की जांच के लिए पूर्व डी.जी.पी. प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जो रिपोर्ट तैयार की थी. उसने हरियाणा के पूरी सरकारी व्यवस्था की खामियों को देश के सामने लाकर रख दिया था. पहली रिपोर्ट में बताया था कि हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान कुछ पुलिस के अधिकारियों ने अनियमितताएं बरती. उसी रिपोर्ट की वजह से मजबूरन आनन-फानन में हरियाणा सरकार को कई अफसरों पर कार्रवाई भी करनी पड़ी थी जिससे सरकार की बहुत फजीहत हुई थी. रिपोर्ट के पहले भाग से डरी सरकार अब दूसरे भाग को लेने से इंकार कर रही है.

इस बारे में जांचकर्ता प्रकाश सिंह का कहना है कि वह जल्द ही दूसरी रिपोर्ट पर काम शुरू करने वाले थे जिसके लिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों की मीटिंग भी बुलाई थी. प्रकाश सिंह ने कहा कि वह कुछ समय पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री से मिले थे और जब उन्होंने मुख्यमंत्री से दूसरी रिपोर्ट की बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ दिन का इंतजार करना चाहिए, लेकिन कुछ दिन बाद गृह मंत्रालय की ओर से पत्र मिला और कहा गया कि दूसरी रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है. सिंह का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें रिपोर्ट को बंद करने के पीछे कोई कारण नहीं बताया गया है. मालूम हो कि जाट आंदोलन के दौरान 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही सम्पति को भी भारी नुकसान पहुंचा था.

प्रकाश सिंह का कहना है, मेरी रिपोर्ट का पार्ट-2 खत्म हो गया है. सरकार ने मुझे एक औपचारिक पत्र लिखकर इस बात के लिए धन्यवाद दिया है कि मैंने पहली रिपोर्ट में सराहनीय काम किया है. साथ ही पत्र में यह भी लिखा गया है कि अब जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर दूसरी रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है.

उधर, इस बारे में सरकार ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वो इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और प्रकाश सिंह आयोग की पहली रिपोर्ट के तमाम सिफारिशों पर सरकार ने उचित कार्रवाई की है और अब आगे किसी और रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है.

वहीं कांग्रेस ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रकाश सिंह आयोग की पहली रिपोर्ट पर सरकार ने किसी भी बड़े अफसर पर कोई कार्रवाई नहीं की है और सिर्फ लीपापोती की है. इसी वजह से सरकार प्रकाश सिंह की दूसरी रिपोर्ट को भी दबाने में लगी है. पहली रिपोर्ट आने के बाद भी सरकार की काफी फजीहत हुई थी और जमकर राजनीतिक हमले हरियाणा की बीजेपी सरकार को झेलने पड़े थे. शायद इसी फजीहत और राजनीतिक हमलों से बचने के लिए हरियाणा सरकार अब दूसरी रिपोर्ट के सामने आने और सार्वजनिक होने से डर रही है.

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