श्रीनगर : जम्मू व कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने राज्य में सरकार गठन पर बातचीत के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को मंगलवार को बुलाया है। मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद से राज्य में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और पीडीपी में शुरुआथ से ही मनमुटाव चल रहा है। ऐसे में इस बातचीत का क्या असर होगा, इस पर फिलहाल संशय बरकरार है।
श्रीनगर के राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि तीन हफ्ते की देरी के बाद राज्य में सरकार गठन के आसार कम ही दिख रहे है। सोमवार को पीडीपी के सदस्यों ने महबूबा मुफ़्ती सईद को इस बात के लिए राजी किया कि वो राज्यपाल के समक्ष पार्टी का पक्ष रखें। पीडीपी विधायकों की बैठक के बाद पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने संवाददाताओं को बताया कि पार्टी विधायकों ने अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को इस बात के लिए अधिकृत किया कि वह राज्य में सरकार गठन के मामले में पार्टी के विधायक दल के रुख से राज्यपाल को अवगत कराएं।
हांलाकि विधायकों ने महबूबा को विधायक दल का नेता नही चुना। पार्टी अध्यक्ष ने बताया कि इस संबंध किसी प्रकार की बातचीत नही हुई। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि महबूबा बीजेपी का हाथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम सकती है। महबूबा ने साफ शब्दों में मोदी सरकार से कह दिया है कि वह मुख्यमंत्री का पद संभालने से पहले इस बात के लिए आश्वस्त होना चाहती है कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन पर निश्चित समय सीमा के भीतर अमल करेगा।
उधर राज्य के बीजेपी अध्यक्ष सतपाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री निर्मल सिंह और बीजेपी सांसद जुगल किशोर बीजेपी के आलाकमान से बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचे। शर्मा ने बताया कि बीजेपी की ओऱ से कोई शर्त नहीं रखी गई है। उन्होने इस बात की उम्मीद भी जताई कि राज्य में जल्द ही बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार बनेगी।