नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार नफरत की राजनीति करने वालों पर इसलिए कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि वह इन लोगों को संरक्षण देती है। माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी में अपने एक लेख में येचुरी ने लिखा, सरकार इन विभाजनकारी ताकतों को संरक्षण दे रही है, यह बात इसी से साबित हो गई है कि वह इन ताकतों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। येचुरी ने लिखा कि जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तभी से उनसे संसद में ये मांग की जा रही है कि वह नफरत की बातें करने वालों पर कार्रवाई करें।
मोदी से इस बारे में कहा गया कि वादा ही करें। लेकिन, कार्रवाई तो दूर उन्होंने वादा तक नहीं किया। माकपा नेता ने लिखा, इससे सिवाय इसके और क्या समझा जाए कि देश के कानून के हिसाब से काम करने के लिए बनी सरकार और भीड़ के बीच का फर्क मिटाया जा रहा है। येचुरी ने असहिष्णुता मामले में पुरस्कार लौटाने वालों के खिलाफ मोदी कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों के बयानों को 'प्रबुद्ध भारतीय मेधा के विरोध का खुला अपमान' बताया। येचुरी ने भाजपा-आरएसएस के कथित मुख्य और 'हाशिये पर पड़े तत्व' के विभाजन को काल्पनिक बताया। उन्होंने लिखा कि यह आरएसएस की विचारधारा है जो एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारतीय गणराज्य को एक असहिष्णु फासीवादी हिंदू राष्ट्र में बदलने के लिए असहिष्णुता का जहर बोती है।